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Bài hát nazir sa ek do ca sĩ Chhote Babu Qawwal thuộc thể loại Au My Khac. Tìm loi bai hat nazir sa ek - Chhote Babu Qawwal ngay trên Nhaccuatui. Nghe bài hát Nazir Sa Ek chất lượng cao 320 kbps lossless miễn phí.
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Lời bài hát: Nazir Sa Ek

Nhạc sĩ: Chhote Babu Qawwal

Lời đăng bởi: 86_15635588878_1671185229650

प्यारे दोस्तो, मुहब्बत की चोट, इश्क का दर्द, इंतिजार की तकलीफ,प्रेम का गहाओ, और इसपर महभूबा की एक हल्की सी मुस्कुराहट काजबरदस्त मरहम से ताल्लूक रखने वाली हजारों खुबसुरत खुबसुरत दास्ताने आपने सुनी,कभी लैला मजनू, कभी सुहिनी महवाल, कभी रोमियो जूलियर्ड, तो कभी मीरा साहिबा,लेकिन हजूर, एक दास्तान और है, जो वाकई काबिले गौर है,ये दास्तान मिस्र और एराक से ताल्लूक रखती है,इसके शायर है जनाब अख्तर जमशेद पूरी,उनकी ये नजम भी हो शुरुबा हुसन, और जुनूनी इशक के दिली जजबात से सजी सजाई,बाउनवान यूनुस जुहरा, पेश खिदमत है छोटे बाबु कववाल की पुर कशिश आवाज,और अनोख अन्दाज में ये कहते हुए, कि नाज नीनों की कटेंगी उंगलियां,नाज नीनों की कटेंगी उंगलियां, मिस्र का बाजार लग जाने को है,होश में आएं जुलेखाएं तमाम, फिर कोई यूसफ यहां आने को है,ताजिर था एकी रात का यूनुस था जिसका नाम,क्या देखता है ख्वाब में एक रोज वक्त शाम,एक बाग में खड़ी है कोई शोख नाज नी,देती है मिस्र आने की दावत वो महजबी,फौरण ही आँख खुल गई हैरान हो गया,सो जान से महभूब पे कुर्बान हो गया,खुश हो के सफर उसने किया मिस्र में आया,भीरे भी बहुत कीमती वो साथ मिलाया,बाजार से खुजर हुआ एक रोज वक्त शाम,जुल्फें सवारती थी कोई हूर लबे बाम,मैं ताब पे नजर पड़ी आफ ताब की.युनुस ने कहा मिल गई ताबिर फाब की.मैं ताब पे नजर पड़ी आफ ताबिर फाब की.पहले कहीं मिले हैं यही सोचने लगे.हैरत से एक दूसरे को देखने लगे.युनुस ने फिर अदब से किया भुसन को सलाम.नजरें जुका के उसने किया इसका एहतिराम.मिले की आखो आखो में फिर बात हो गई.जीने पे उतर आई मुलाकात हो गई.युनुस ने कहा नाम तो बतलाई ये जरा.बोली वो शोख कहते हैं ना चीज को जोहरा.जोहरा ने पूछा नाम तो बोला.. मैं हूँ घुलाम.ताजिर हूँ एक एराक का यूणुस है मेरा नाम.करता हूं मैं एराक मैं हीरों का कारोबार.करता हूं मैं एराक मैं हीरों का कारोबार.अब मिस्र की हसीना पे कर दूँगा सब निसार.सोहरा ने कहा लालो गोहर जोडीये साहब.रिष्ता वफा का हम से फकत जोडिये साहब.यूणुस ने निशानी में एक रूमाल जो दिया.सोहरा ने उसको चूम के दिल से लगा लिया.फिर कापते हाथों से एक छला बढ़ा दिया.यूणुस ने छला आँखों से अपनी लगा लिया.सोहरा ने मुस्कुरा के कहा हम हैं खुश नसीब.तो आजनभी को कर दिया.अल्ला खुश नसीब.तो आजनभी को कर दिया.अल्ला खुश नसीब.यूणुस ने बढ़ के सीने से उसको लगा लिया.सोहरा ने दोनों हातों से छेहरा छुपा लिया.सर की वो पीछे और कहा होश में आओ.कहा होश में आओ, कहा होश में आओ.सर की वो पीछे और कहा होश में आओ.अब तुम से नहीं बोलेंगे हर गिस कभी जाओ.अब तुम से नहीं बोलेंगे हर गिस कभी जाओ.पहली ही मुलाकात में बेबाक हो गए.मासूम बन के आए थे चालाक हो गए.शादी ना बियाह, मेदी ना कंग ना ही बना है.पहले ही कभजा करते हो ये खूब अदा है.हम से मिलो तो दिल को रखो, अपने पाक साफ.पहली खता है जाई ये कर देती हूं माआफ.अच्छा तो रात हो चली सरकार जाई ये.कल शाम को ए महरबा तश्रीफ ला ये.दुलहन की तरह शौक से सिंगार करूंगी.कल देखना किस धूम से सरकार मिलूंगी.यूनुस ने मुस्कुरा के कीया जोहरा को सलाम.बोला के कल जुरूर मिलूंगा है नेक नाम.यूनुस ने मुस्कुरा के कीया जोहरा को सलाम.सोहरा ने मुस्कुरा के तदम घर में जो रखा,देखा के बाप सामने होस्ते में है खड़ा.सोची ये दिल में भूल है मुझसे बड़ी हुई,मानिंद बेंद काप रही थी खड़ी हुई.फिर बाप ने कहा के मैं सुनता था गुफ्तगू,सब देखता था लाडली क्या कर रही थी तू.सब जानती है जोहरा तू अंजान तो नहीं,मंगनी भी तेरी हो चुकी नादान तो नहीं.किस मुझे बन गई तू एराटी ज़वान की?किस मुझे बन गई तू एराटी ज़वान की?इजदत डुबा के रगदी मेरे खान दान की.किस मुझे बन गई तू एराटी ज़वान की?पादी हूं शहर का, पादी हूं शहर का,मेरी शोहरत भी कम नहीं,दौलत भी मेरे पास है, इजदत भी कम नहीं,हर खासो आम करते हैं, शुकर मुझे सलाम,लेते हैं लोग मिसर में इजदत से मेरा नाम,शादी का धूमदाम से देखा था मैंने ख़ौब,क्या दूंगा लड़के वालों को जोहरा बता जवाब,अफसोस याद आता है माका तेरी सवाल,जिसको के गुजरे हो गए इस दम अठारा साल,बीमार तेरी माथी अजा पास खड़ी थी,बेटी तू एक साल की जूले में पड़ी थी,मुझसे कहा था जिद न कभी इसकी टालना,सरताज मेरी जोहरा को उल्फत से पालना,याद इसकी मुझे कबर में हर आन रहेगी,याद इसकी मुझे कबर में हर आन रहेगी,तडपेगी मेरी रूह परिशान रहेगी,बीवी ने मुझे से जो भी कहा था वो ही किया,मा का तुझे एसास भी होने नहीं दिया,पाला है बड़े नाज से तुक दर्द उठा कि,बेटी क्या मिलेगा बुढ़ापे में सता के,बदनाम कुल कभीले में हो जाओंगा बेटी,खा के मैं जहर आज ही सो जाओंगा बेटी,आई लाडली अब आबरू बस तेरे हात है,जोहरा तु समझदार है, इससत की बात है,एहसानों का बदला मेरी जोहरा चुका दे आज,बेटी बचाले मेरे बुढ़ापे की जरा लाज,सक्ते में की मासूम और खामोश खड़ी थी,आथों से आसूओं की रमा एक जढ़ी थी,सोहरा ने कहा दूंगी मैं एहसान का सिला,कल आयेगा यूनस तो मैं कह दूंगी,पैसे की निर्शिस के लिए,एहसान का सिला,कल आयेगा यूनस तो मैं कह दूंगी,जूटे ही समझ लीजीए वादे जो किये थे,अब मुझ को भूल जाईये अल्लाह के लिए.इतना सुना तो बाब का छेहरा ही क्हिल गया,बोला जो चाहता था वो बेटी से मिल गया.दे कर दुआएं जोहरा को रुखसत हुआ पिदर,सोला सिंगार करने लगी माहरू इधर,शादी का जोड़ा पहन के महदी बीली रचा,सेवर सजा के आखों में सुर्मा बीली लगा,समरा जो हुसन हो गाई कुछ ऐसी रोशनी,सदके हो जिस पे चांदनी चावर हो चांदनी,बन कर के दुलहन जोहरा ने फौरण वजू किया,कुछ राद बीती वक्त तहजुद का आ गया,तिर बैठी जा नमाज पे करने अदा नमाज,बोली खुदा करे मेरे सजदों को सरफराज,मागी दूआ ये जोहरा ने दामन फसार के,एसान मुझे लाकों है परवरदिगार के,है वक्त आखरी मेरा इमान साथ है,मैं शर्मे आभुरू मेरी मौला के हात है,लब उसने हमेशा के लिए सी लिया फौरण,है सी लिया फौरण,लब उसने हमेशा के लिए सी लिया फौरण,यूण उसका नाम लेके जहर पी लिया फौरण,फौरण असर जहर ने किया छेहरा बुझ गया,पेशानी पे पसीना झलक आया मौत का,भूली ना मोहबत की निशानी को दिल जली,यूण उसके उस रुमाल से पेशानी पोंच ली,जब इंतहान इश्क में पूरी उतर गई,जोहरा की रूह जिस्म से परवाज कर गई,कमरे में पोंचा बेटी के ऐहले सुभाव की दर,सरपीट लिया जब पड़ी बिस्तर पे एक नजर,मुर्दा है जिस्म बेटी का उस पर अजब है हाल,एक हात में पुरान है, एक हात में रूमान,कल रात का जो नक्षा था आखों में हिर गया,जहराने सुहराने जहर था लिया, फ़ौरण समझ गया,बोला के मेरी लादली अनजान हो गई,बोला के मेरी लादली अनजान हो गई,इजद पे अपने बाप के पुर्बान हो गई,धीवानवार उसने मोहले में दी से,जहराने जहर खा लिया बे जुर्म बे खता,थोड़ी सी देर में वहां मजमा सा लग गया,तारीफ सभी करते थे क्या छोटा क्या बड़ा,सुहरा बड़ी खलीक थी सादा थी नेक की,दहता था कोई लड़की हजारों में एक थी,अलकिस्सा रोने धोने में दिन हो गया तमां,लेकर जनाजा चल दिये कुछ हो गई जब शाम,जाता था जनाजा इधर तै करता रास्ते,जाता था जनाजा इधर तै करता रास्ते,यूनुस उधर से आता था मिलने के वास्ते,मसरूर चला आता था खुशियों में जूमता,जोहरा को याद करता था छले को चूमता,ये सोंचता था प्यार से छला भी दिया है,सोला सिंगार करने का वादा भी किया है,खोकर जो लगी पाऊं में फ़ोरं समभल गया,फढ़की जो बाइं आँख तो सीना दहल गया,महसूस हुआ आती है काणों में ये सदा,महभूब कहां जाता है, कांधा तो दे लगा,देखा जनाजा आता है, कुछ भीड साथ है,छेहरा सभी का उत्रा है, जाने क्या बात है,यूनस ने पूछा लोगों से जब मोत का सबब,जोहरा ने जहर खाब लिया, कहने लगे ये सब,लडकी थी बाशाहूर और बेशक थी नामाजी,लडकी थी बाशाहूर और बेशक थये नामाजी,पर जीत लिया मौत ने मासूम से बाजी,पर जीत लिया मौत ने मासूम से बाजी,कल रात उसने फर्ज मोहबत अदा किया,रुमाल एक हाथ में बस सुभखा को मिला,लाया था जो बहार कभी इसके चमन में,रुमाल रग दिया, पर जीत लिया मौत ने मासूम से बाजी,लाया था जो बहार कभी इसके चमन में,रुमाल रग दिया है, वो जुहरा के कफन में,यूनुस ने मुस्कुरा के कहा हम है बदनसीब,मेरी वजह से जुहरा हुई मौत के करीब,लेकिन ये पाक जस्ब कभी काम आएगा,दुनिया ने छुडाया है तो अल्ला मिलाएगा,दीवाना वार जोश में एक वार कर लिया,हंजर को अपने सीने के खुद पार कर लिया,शला दिखा के लोगों से यूनुस ने फिर कहा,इसको भी मेरी थबर में रग दीजिये जरा,अखतर ने कहा लोगों से अब इन को मिला दो,आखतर ने कहा लोगों से अभि इन को मिला दो,यूनुस की तब्र जोहरा के पहलू में बना दो,यूनुस की तब्र जोहरा के पहलू में बना दो,पहलू में बना दो,

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