नासे क्या कहता फिरता है कुछ ना सुनो तो बेहतर है
दीवाना है दीवाने के मुँ ना लगो तो बेहतर है
कपड़ बदल कर बाल बना कर कहां चले हो किस के लिए
रात बहुत काली है नासे घर में रहो तो बेहतर है
नए कपड़े बदल कर जाओं कहां
नए कपड़े बदल कर जाओं कहां
और बाल बना किस के लिए
नए कपड़े बदल कर जाओं कहां
और बाल बना किस के लिए
वो शच्छः तँआ शहरी छोड़ गया
मैं बाहर जाया कर lack a
किसके लिए नए कपड़े बदल कर जाओं कहा
जिस धूप की दिल में ठंडक थी
वो धूप उसी के साथ गई
जिस धूप की दिल में ठंडक थी
जिस धूप की दिल में ठंडक थी
वो धूप उसी के साथ गई
इन जलती बलती गलियों में
अब खाक उड़ां किसके लिए
वो शब्स तो शहरी छोड़ गया
मैं बाहर जान किसके लिए
ने कपड़े बदल कर जाओं कहां
वो शहर में था तो उसके लिए
औरों से भी मिलना पड़ता था
वो शहर में था तो उसके लिए
औरों से भी मिलना पड़ता था
अब ऐसे वैसे लोगों के
अब ऐसे वैसे लोगों के
मैं नाज उठाँ किसके लिए वो शक्स तशहरी छोड़ गया
मैं बाहरे जाँ किसके लिए नए कपड़े बदल कर जाओ कहा
मोदत से कोई आया न गया सुनसान पड़ी है गर की फजा
मोदत से कोई आया न गया सुनसान पड़ी है गर की फजा
इन खाली कमरों में नासे अगशमा जलाओ किसके लिए वो शक्स तशहरी छोड़ गया
मैं बाहर जाओ किसके लिए नए कपड़े बदल कर जाओ कहा
किसके लिए नए कपड़े बदल कर जाओ