एक गो गीत के का सुन्दर भाव लागल है कैसे?
एक जनी अपना
मरत से कहली
कि हमरा के गहना गढ़वा दी ही
उजाके लिया के तद दे दे ले
बाकि उध्हारी लिया ले
तक कैसे कहली है?
की राह
चली ला तटो के
ला सोनार संयाजी?
काहे नथिया गढ़वा ला उध्हार संयाजी?
काहे नथिया गढ़वा ला उध्हार संयाजी?
चली चाहे राह धाके
चली चाहे गोली
काहे ला किहे दे आवा हे ने आवा काली
चली चाहे राह धाके चली चाहे गोली
काहे ला किहे दे आवा
हे ने आवा काली
जदी गरत होई बहामा रास प्यार
राजाजी जदी
जदी गरत होई बहामा रास प्यार संयाजी ज़ाखे
अभी ये चुकाद उध्हार संयाजी ज़ाखे
अभी ये चुकाद उध्हार संयाजी
लैका फैका हो इता जाई हात बाहरा
तो अपना ही ससूरा में बावर लागी हमारा
जदी करतो होई बहामा रस प्यार संजी
तो जाके
अभी ये
चुकाद उधार संजी
राह जो लिला कटो के ला सुनार संजी
काहे नतीया गड़वला