नरसी भगत की पावन गाता भगतों तुम्हें सुनाते हैं
देखो कैसे बन्सीबाले भगतों के काज बनाते हैं
जूनागड में नरसी भगत का
खूब धना गिय था परिवार
पांच भाईयों में नरसी चोटा
हरी भजन से गहरा प्यार
हरी भजन से गहरा प्यार
काम धाम कुछ करता नहीं था
भाईयों ने उसे अलग किया
उसके हिस्से जो आता था वो धन सारा उसे दिया
वो धन सारा उसे दिया
इक कुटिया में रहने लगे थे कृष्ण कृष्ण ही गाते हैं
देखो कैसे वन्सि वाले भगतों के काज बनाते हैं
हरनंदी की बेटी लाडली सिरसागड में किया विवाद
बहुत सी दालत दी थी दान में पास में कुछ भी रखाना
पास में कुछ भी रखाना
पातनी सुशीला पती परायन चुप चुप समय बिताती थी
नरसी रहते सादु संतों में वो भी हरी गुन गाती थी
वो भी हरी गुन गाती थी
नहीं रोकने से रुकते हैं समय तो चलते जाते हैं
देखो कैसे बनसी वाले भगतों के काज बनाते हैं
नरसी भगत की पावन गाता भगतों तुम्हें सुनाते हैं
देखो कैसे बनसी वाले भगतों के काज बनाते हैं
अब हरनन्दी की बेटी का शादी का समय आया था
भात न्योताने जाना है हरनन्दी ने फर्माया था
हरनन्दी ने फर्माया था
पाप तेरा तो साधू कंगला देने को क्या उसके पास
नाक हमारी कट जाएगी गुसे में यूं बोली सास
गुसे में यूं बोली सास
भाई तेरा तो कोई नहीं है ताने सब ये सुनाते हैं
देखो कैसे बनसीवाल भगतों के ताज बनाते हैं
भातन ताने गई हर दिन भावाद पर बगतों तो पावन गाता हैं
भातन ताने गई हर दिन बुटिया में था बैठा बात
लंभी दाड़ी भगवावस्त्र थे गोविंद गोविंद करता जाब
गोविंद गोविंद करता जाब
माँ बाबा से मिल हर दिन विवाक चीठी दे आई
बन के बतईया मैं आओंगा बात पिताने बतलाई
हरनन्दी का दुखी कलेजा नैना भर भर आते हैं
भगतों के काजि बनाते हैं
पभी पिता जो नरसी सेट था आज बना है भोकंगाल
ऐसे चिंता में हरनन्दी पोँचे सिरसागर ससुराल
पोँचे सिरसागर ससुराल
कौन भरेगा भात मेरा अप रोए जाए जार बेजार
मेरे भगत की बेट की दुखी है देख रहे थे कृष्ण मुराल
देख रहे थे कृष्ण मुराल
भात में जाने को नरसी फ्यूटी गाडी चुतवाते हैं
जेको कैसे बनसी वाले भगतों के काज बनाते हैं
भगतों के काज बनाते हैं
भगत की पावन गाता भगतों तुम्हें सुनाते हैं
देखो कैसे बनसी वाले भगतों के काज बनाते हैं
नरसी के संगते कुछ साधु भाती बन के जो साथ चले
मुरली बाले का ही भरोसा सारे खाली हात चले
सारे खाली हात चले
रस्ते में वो गाड़ी धस गई बूडे बेल भी थे लाचार
नरसी के संग जितने साधु जोर लगा के गए थे हार
जोर लगा के गए थे हार
भेश बदल के शिरी कृष्ण जी गाड़ी पार लगाते हैं
देखो कैसे बनसी वाले भगतों के काज बनाते हैं
नरसी भगत की पावन गाता भगतों तुम्हें सुनाते हैं
देखो कैसे बनसी वाले भगतों के काज बनाते हैं
राते बजाते सारे सादु सिर सागड के पहुँचे द्वार
किसी के हातों मनसा सेट को पहुँच गया था ये समचार
मनसा बोला बहुँ बात ये हमसे सहन ना पाएगी
तेरे बाप के कारण इज़त मिट्टी में मिल जाएगी
कुछ नहीं पास में काहे को मुझ दिखलाते हैं
देखो कैसे बनसी वाले भगतों के काज बनाते हैं
वरसी भगत की पावन गाता भगतों तुम्हे सुनाते हैं
देखो कैसे बनसी वाले भगतों के काज बनाते हैं
हरनंदी तो रोत बिलकते काना जी को धरती याद
उधर वो नरसी जोत जलाए काना जी से करे फरियाद
कुछ बात बढ़ोगे मेरा तुम्हे लाज बचाओगे
समय भात का होने वाला मूरली धर कब आओगे
मूरली धर कब आओगे
मूरली धर कब आओगे
भगत की बिनती सुनकर भगवन भगतों रुख नहीं पाते
हे देखो कैसे वंजीवाल भगतों की लाज बचाते हैं
बगतों तुम्हे सुनाते हैं
देखो कैसे बनसी वाले
बगतों के काज बनाते हैं
शिरी कृष्ण ने धन कुबेर को
अपने पास बुलाया था
हम है भतया नरसी के ये अच्छि तरह समझाया था
अच्छि तरह समझाया था
पन के मुनीम वो नरसी भगत के शिरी कृष्ण जी आये थे
नरसी ने पहचान लिया तो नैनानीर बहाये थे
नैनानीर बहाये थे
तुमने बुलाया मैं चला आया नरसी को समझाते हैं
समोच ...
हरनंदी को खबर जो लागी आगे शाम सुदर भगवान
सारे दुखडे दूर हो गए शाये छहरे पर मुस्कान
शाये छहरे पर मुस्कान
खरके आरती अंदर ले गई चरनन शीष नवाया था
काना बोले भात भरालो जिनके लिए बुलाया था
मन सा सेठ वा संग सेठानी कुन बा सारा बुलाते हैं
मन सा सेठβसंगसेटांग especially at Ganesh M Bangal,
सारा कुन बा बुलाते है
Dekho kaise Vanzee Vale
भगदों कांचि बनाते हें
bhagdo ke kaanchi banaate hain
नर्षि भगद की पावन गाता
bhagdo tumme sunaate hain
Dekho kaise Vanzee Vale
सक्तों के काज बनाते हैं
आगे काना पीछे नरसी
हरनंदी का भर रह भार
सिर सौदर के आसमान से
धन माया के हुई बरसा
वस्तरा भूशण, हीरे मोती लुटा रहे थे दोनो बाद
ऐसा भात सुना ना देखा शेट से खाणी कर रह भार
शेट से खाणी कर रह भार
हीरे मोती जड़ी चुनरिया बेकी को पहनाते हैं
देखो कैसे बनसी वाले भगतों के काज बनाते हैं
बरसी भगत की पावन गाथा भगतों तुम्हें सुनाते हैं
देखो कैसे बनसी वाले भगतों के काज बनाते हैं
सबा पहर तक बरसी दौलब जोली भर रहें सब नरणार
धोबी धोबन बाद में आए आकर करने लगे पुकार
आकर करने लगे पुकार
उनके लिए फिर माया बरसी लीला दिखाई कानाने
गुरु करण सिंग नरसी भगत की लाज बचाई कानाने
लाज बचाई कानाने
कमल सिंग इस भात की चर्चा नारद जी बतलाते हैं
देखो कैसे बनसीवाले भगतों की लाज बचाते हैं
भगतों की गाज बनाते हैं
भगत की पावन गाथा भगतों तुम्हें सुनाते हैं
देखो कैसे बनसीवाले भगतों की गाज बनाते हैं