दिया दैयाड़ी बैंट
दिया दैयाड़ी बैंट
आाह आआह आआः आाः
इ्तिहास पैगाम देता है सबको
या.
है इठिहास पैगाम देता है सबको
है या
बीठी बातों की कहानी बता था
है या
वारत में मानो तलिए सबकुछ है घूला
है
दूबते को तिन का शाहारां बना ता
है
राज पात जिसकी उसी की दुहाई
है
धरम के ठीके दार वही कहा था
है
मानो तो मानो है सबकुछ पता है
है
ए स्तयो ने आखों से पर्दा हटलाego
आ ये दूब्ते को नमसिधा की दूबते ते से अत्पे ठीक है
मान, कि यहां, के या सादची?
यह नमसीदा के नमसिधा और अड्ड गता है
है
तुकुछ न है
यह कवाली के टुकडां दिहल गईल
म कर ले डीया है
म गर गाने का भाओ दी आ किया हुँ
हर डालियों के
अरे हर डालियों के फूल तो भोरान लिया है
हर डालियों के फूल तो भोरान लियाहै
हर डालियों कि फूल तो भोरान appointment दिया है
हर डालियों के फूल तो भोरान लिया है
तो हर डालियों के फूल तो भोरान लिया है
हर डालियों के फूल तो भोरान लिया है
अरे भो़रान लिया है
भो़रान लिया है
अरे भो़रान लिया है
अरे भो़रान लिया
तो भो़रान लिया है
अब भो़रां को भी अदिकार तो माली ने दीआ है
भो़रां को भी अदिकार तो माली ने दिया है
भो़रान को भी अदिकार तो माली ने दिया है
भो़रां को भी अदिकार तो माली ने दिया है
यहीं से कहानी की शुरुआत है
कि सुनिये सुनाऊं दोस्तों एक अजीब कहानी
बावर की बेटी बावरी चड़ी थी जवानी
बावर बोला है बात बेटी सुन ले तू मेरी
जिसे पसंद कर ले साधी करूं तेरी
पिता की बात सुन बेटी जरा मुश्काई है
धीरे धीरे बातों पे गोर को जमाई है
तनी बात समझला भेया कहानी एकडम साप साप समझ में चली आई
पंद्रशव चबिश इश्वी में जब बावर अवध के किनारे उस बार आ करके डेरा लगा दिया
बावर की चलती थी नतीजा निकला क्या कुछ दिन समय गुज़रा
बावर के एक लड़की जवना लड़की का नाम बावरी बतावल गईल
बावर भाईल का भ्यातनी से बढ़ के दा मास्टर
बावुराम के मंदिरा वासे अव निकलल पुझरीया हो
आ बावरी के पंडित जी से लड़ गई नजरीया
एक दिन सवेरोवें का टाइम बावर का बिटिया बावरी
रत पर सवार हो करके बावु अवध घुमने के लिए चल देती है
हुम खुंद के खुंद ऐ जो दिया में हाती है
सवेरोवैं का टाइम बाव
उसी जो राम का जो मंदिर बना है
राम के मंदिर से आर्तियोगे रखर के पुझा करके
एक पंडित का लड़ जो पुझरी था
निते करम का काम था
रात शाम को शुबह में उसी पुझा करता था आर्ति लगाता था
सवेरोवैं आर्ति लगा के घर की ओर जात रहलन
तब तक बावरी का नजर पड़लबा
बावरी दिवाना बन जाती है
अजब दिवाना बन गेल बें वो समय का बात मिलल का
तो यहाँ एक लाइन तरज दिहल गई
वो है भोजपूरी गीत वा
कौन गीत वा मास्टर
वो है गीती आका लाइन बाकी
कहतु बानी
कहतु बाड़ी भारत के जननवारे
कहतु बाड़ी भारत के जननवारे
शजन वा हमार बड़ा लहरी
कहतु बाड़ी भारत के जननवारे
शजन वा हमार बड़ा लहरी
कहतु बाड़ी भारत के जननवारे
शजन वा हमार बड़ा लहरी
Aaj Bawar Kavi itiya-Bawari
से हो बात कहलेबे, कौं कहलेबे
कि कहतु बाड़ी राजा کے बभुनियाँ हो
कहतु बाड़ी राजा के बभुनियाँ हो
जवनियां समार चल बभुआ
का कही बात कुछ कहलो न जाला
कहला बिना हम के रहलो न जाला
हम के बनाला दूलहिनिया हो
जवनियां समार चल बभुआ
जवनियां समार चल बभुआ
लड कि कहति हे बाबबरि उस लड़का से कि यै
लडका मैं तुम से प्रेम करना का चाहती हूं तुम प्रेम करो मुझे
आखेर तुम एक लड़का हो मैं एक लड़की हूँ
मगर बाबु देखें उस सिर्यध stinker
大न्त करके तैश मेच करके एक बात बोला है
कि ऐ लड़की मेरी बात चुनो
ए लड़की मेरी बाद चुनो जुठे क्या तीर चलाती हो
मिठी पर रहकरके भी तुम सीसे पर फूल उगाती हो
सीसा तो सिसा होता है
मिठी कभी न हो सकता है
चाहे तू कर दे चूर चूर ये फूल नहीं खिल सकता है
कहले बाके रे पगली
तुम एक मुसल्मान की लड़की बादशा की लड़की हो
मैं एक पंडित का लड़का हूँ
आखिर हम लोग हम लोग ये प्रेम कैसे करेंगे
लोग बरदाश नहीं करेंगे इस प्रेम को
मगर बाबु देखें
लड़की का बड़ी थेश लगल बादिल पर
अव लड़की बाबरी कहिले का भे
कि सुन करी के लड़की की बाद
अब सुन करी के लड़का की बाद
अब सुन करी के लड़का की बाद
पहुची है कोप भवन में
कोप भवन में गीर बाबरी करने लगी
जिरुदना
आज बाबरी वहीं से बाबु लोड जाती है
आती है अपने अब्बा के दरबार में
पहले बाद्शाँके दरबार में कोप भवन बना जाता था
कोनों डुख वाली बात हो खट रहे
लोग जाक़े ओकर कोप भवन में था
देखें बाबु बाबरी कोप भवन में गीरी है
मगर जब पता चला है बाबर को
बाबर जाता है बाबरी के नज़िक
और जाके कहलन का यहाँ एक लाइन तर्ज दिहल गईल
उहे तर्ज कलाईन बाम
अक्शर देखा थो बलोग वलियां जीला में
गोन कला उंडा कुल गावलन
का गावलन है भया?
उहे गावलन की काली माई हो
काली माई हो तो नहीं के भहुं आलिलार
ओ जाके ओ जाई देदा सोका के सोखायी देदा
ओ जाके ओ जाई देदा सोखा के सोखायी देदा
काली माई हो तो नहीं के भहुं आलिलार
काली माई हो तो नहीं के भहुं आलिलार
काली माई हो तो नहीं के भहुं आलिलार
काली माई हो तो नहीं के भहुं आलिलार
काली माई हो तो नहीं के भहुं आलिलार
काली माई हो तो नहीं के भहुं आलिलार
काली माई हो तो नहीं के भहुं आलिलार
काली माई हो तो नहीं के भहुं आलिलार
काली माई हो तो नहीं के भहुं आलिलार
काली माई हो तो नहीं के भहुं आलिलार
काली माई हो तो नहीं के भहुं आलिलार
काली माई हो तो नहीं के भहुं आलिलार
काली माई हो तो नहीं के भहुं आलिलार
काली माई हो तो नहीं के भहुं आलिलार
काली माई हो तो नहीं के भहुं आलिलार
काली माई हो तो नहीं के भहुं आलिलार
काली माई हो तो नहीं के भहुं आलिलार
काली माई हो तो नहीं के भहुं आलिलार
काली माई हो तो नहीं के भहुं आलिलार
चलल बाला लानवा हो भावा नवा की ओरिया ये भईया
असंगवा में बाबरी दुलही निया बे भाया
असंगवा में बाबरी दुलही निया बे भाया
धीरे धीरे बाबुआ पहुं चलन हा घारवा ये भईया
धीरे धीरे बाबुआ पहुं चलन हा घारवा ये भईया
अगवा के लोग देखे आंखिया पसार
अगवा के लोग देखे आंखिया पसार
अदिहले बिरादरी से उनके या लगाया
अदिहले बिरादरी से उनके या लगाया
अगवा के लोग देखे आंखिया पसार
अगवा के लोग देखे आंखिया पसार
अगवा के लोग देखे आंखिया पसार
ऒए बाबर मुस्लीम थरम
खराओरा वा ढ� apologise in
वही बाबर बाबू किया है क्या
ज़ियाा है कि
मत्स कर दो
उपर गूबदे वही
मीणार बनगई
दूनो प्राणी का इमस्चिद याद गार बनगई
बाबर कुछ किया नहीं था बाबू
जो राम का मन्दिर है आप लोग
कई में पहिसकता ही होगे
मात्र तीन
Village बनवआया
नीची मन्दिर था
चुकी लढका हिंदू का था
राम का पुजारी था उसके
नाम पर नीचे� COLLEGE निचे मन्दीर कांने ने दिया
आज जो की छौउ दिसंबर को घटना हुआ था
छौउ दिसंबर के उसी तीनो गुंबज को
बंग विश्वोट से ध्वस्थ कर दिया गया
मगर गाने का यही अंतिम प्रमान था
उसी बावरी के नाम पर
बाबु बावरी मस्जित तभी से कहलाना शुरू हो गया
आज जो की छौउ दिसंबर को घटना हुआ था
छौउ दिसंबर के उसी तीनो गुंबज को
बंग विश्वोट से ध्वस्थ कर दिया गया
मगर गाने का यही अंतिम प्रमान था
उसी बावरी के नाम पर
मश्जित से तभी कहलाना शुरू हुआ गया
कहना है क्या
की औरे नीचे मंदिर ऊपर घुंबद
। नीचे मंदिर ऊपर घुंबद
मिनार बन गाई
दूनो प्राणी क्यों Chemical School,
मश्जितयाद्गार बन गई
दूनो प्राणी क्यों Chemical School,
मश्जितयाद्गार बन गई
दूनो प्राणी क्यों Chemical School,
मश्जितयाद्गार बन गई
आजी सी मुद्दे को ले कर के
हमारे देश में हाहाकार मचाए
तो गाने का अयंतिम प्रमाण था
यही कहना था क्या कहना था
हाँ जी जैज खाल गुरु जत्दू लोटन
लालता श्वर्ग मे डोले
शीरी नराइन मितवासंग में
घङ्गासात गर बोले
शीरी नराइन मितवासंग में
घंगासात गर बोले
अरे दुलहिनय हम पंजारी के बनलो
दुले गियानी तुनन आसुजन मनला
Đang Cập Nhật
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