नखरे दिखाव कर हे राफेरी तून, हाणियां के लिएं सज़ गर तनमोंकर दिया तंग तेरे गोरी रंग ने, पढ़ जाना पंगा गोरी लिये रैलकोउठना पहरना ना जुर्म कोई, मत ना जड़ावे तेरा लहो जाने केबोल जावे कोन मन में किसी की मझाल, ऐसे ही चालुंगे मैं तो हिक ताने केजलता ना बोलूं मैं तो प्यार ते कहूं, दिन रात मन तो फिकर तेरी सैं, जुण सी विधाला देख लिए, दूरा नहीं मानूं मैं नजर तेरी दैंजलता ना बोलूं मैं तो प्यार ते कहूं, दिन रात मन तो फिकर तेरी सैं, जुण सी विधाला देख लिए, दूरा नहीं मानूं मैं नजर तेरी दैंआग तंग हो रिशा जफानी तें, छोटी छोटी बाता बग़े ठालिया रथोकर दिया तंग तेरे गोरे रंग ने, भड़ जाना पंग, गोरी लिये रलको, तू लिये रलकोबाते इसी धान की करें क्यों जाने के, बुले बिन के तन सरता नहीं, सारा दिन करें तू आवारा गर दीकालेज थोर घारे घर का नहीं, आये गए घर की ना जानी है मने, तूड़वा देऊंगी तेरे दांद खाने के, बोल जावे कुन मन में किसकी बजाल, ऐसी ही चलूंगी मैं तो हिक तान केआये गए घर का तो मैं भी नहीं, चोरा सू मैं गोरी बड़े जमीदार का, किसे चीज की ना कमी घरां, भूखा फिरू सू मैं तो तेरे प्यार काआये गए घर का तो मैं भी नहीं, चोरा सू मैं गोरी बड़े जमीदार का, किसे चीज की ना कमी घरां, भूखा फिरू सू मैं तो तेरे प्यार कामर जाँगा मिली नहीं जो तू मने, बड़ जाँगा केस लाग तिन सो दो, कर दिया तंग तेरे गोरी रंग ने, बड़ जाँगा पंग गोरी लिये रह लगोलागता न भूला किसे दिखे तू, रग रग भर तेरे पड़ी छड मैं, लाली ये कितना ही जोर पागडा, आउंगी न कद भी मैं तेरे बल मैंकाड़ दिये खाब सारे दिलते तिरे, धानी पाल मैं तू मråें जाकेपोल जाँगे कोन मैंने इस की मझाल सो चलوں गई तू हिक तानीकेकर दिया तंग तेरे गोरी रंग ने, बड़ जाँगा पंग गोरी लियय еслиको,कून के लिये Aaiiii