मुखाल राजाजी
कहा जाता निका, धोरि आई बैट
हो जाएना देब बंगाल राजाजी
जिनिगी के हम उठाले हो गोजा
रोहाई राजाजी नज़री के सोझा
कि हम तो कमाँ कैले बानी हो कि सनियो कले हो
तुहाई राज दूरी राजा रो
अपना एक राज जदा कुछ को अपना राजा होगा अपन राणी के हो जाएना
प्रणोहाँ राजाजी नज़री के सोझा
प्रणोहाँ राज दूरी
राज दूरी