saktaa
Saptaa
saktaa
Saptaa
पाथ कहनी माई के
सुन्दर सुसील धानी पवणी तब जाएके
नव नव रात कहनी पाथ कहनी माई के
सुन्दर सुसील धानी पवणी तब जाएके
बाड़ू फुलाईल तो तू सूख जाएबू
कौनों के नजरी में घूस जाएबू
वाने पके लोको ळाय परिक्स बाने की
विकल Doing
हुआ प्रया aur
वकल from चालत Admitable
अम्मदलाई
ज़्याइपाण
सहराबल जजबईया
बानो का जरावाट आचर में
नो जर ना लागी नवराथर में