विंजित पाई शिम्मन्मोरी
का कौमी बात तोरे पियावा के घोर में
अरे तु सम्झात काहे लेका
बाईल बिया तो बोल रहे लुनाई खर में
मरर मानेला न तोरा साज में
साज में, अरे साज में
तो गी सेकेला भातार मोरा नाच में,
हमो जोरीला जवणिया के आच में,
तो गी सेकेला भातार मोरा नाच में
तो गी सेकेला भातार मोरा नाच में,
अरे बातो ना करे
उना चन्ये पमारे,
भता भर पयावे
उता एक दिन घारे,
तोरा साथे बड़ी दागबाजी बाईल, काहे तोरा से सादी
लाराजी बाईल,
सब समझतेनु बड़ा,
तो बड़ा इलाउतो सरके टोच में,
टोच में,
अरे टोच में,
हम जोरीला जवानिया के आच में,
तो गी सेकेला भातार मोरा नाच में,
दुख के करासे कोही,
कैसे सावत पर रही,
अगु आमर सुधाकर,
काम कोही नस्ता ही,
एक तोड़ा पच बनके यार बाडे
,अजर आखे के तोड़ा ताई यार बाडे ,
में आजाई हमारे साड़े पुछ में,
साड़े पुछ में,
हम जॉरीला जवानिया के आच में,
तो गी सेकेला भातार मोरा नाच में,
महल बिया छबो रहेलो लईहर में
का कोमी बातोर पियावा के घ़र में
मरज मानेला न तुआरा साँच में
साँच में अरे साँच में
हमा जोरिला जोवनिया के आँच में