एक बार प्रेम से बोली भवा महिंद्र नाथ की चेल
चोड़े बैल सामने बाटे
आया ना घोरे, हमरों ता घूमे के, मन बारा कोरे, एस तया
मन बारा कोरे, चोहु गईली सामन बाते, आया ना घोरे, हमरों ता घूमे के, मन बारा कोरे
आया बारे ले जाओ भाईया हो, जाता नी लाई हार, लाई हरे से देव घोर
चाले जाएब सईया हो, जाता नी लाई हार, लाई हरे से देव घोर
चाले जाएब सईया हो, ताली पाली हो, यर मात की हुआ
ताले जाएब सईया हो
गारावा में मनावाना लागता योगेला हमरो तब भूमे के मनावा परेदा
गारावा में मनावाना लागता योगेला हमरो तब भूमे के मनावा परेदा
नयहर के सबके हूँ पुरा घड़ भर हो होके तयार यसो जाये देवं घड़ हो
औरे सियों के पूजाया हो जाता नि नयहर ना यहर से देवं घड़ चाले जाये पे सईया जाता नि नयहर ना यहर से देवं घड़ चाले जाये पे सैया
संखा पुला किने के बाँ ये हमारो मन बाँ
हर यार हर यार चुड़ियो पसाओन बाँ
संखा पुला किने के बाँ ये हमारो मन बाँ
हर यार हर यार चुड़ियो पसाओन बाँ
बीफुल मुके सरवा मानेल ही वत्या
तेजा संगे जात बारे राउर संखत्या
आजी तरा जी वगावाया हो
यात निनायि हार नाई हारे सिर देव खार चल जाईब सैंया हो
जात निनायि हार नाई हारे सिर देव खार चल जाईब सैंया हो
बोली, बोली, बेबे, डोर नेत की देव