नाजा हो, नासमच हो, मासूम हो, हसी हो
आ जाय प्यार तुम पर,
ऐसे मगर नहीं हो
नाजा हो, नासमच हो,
मासूम हो,
हसी हो
जुमें ख़दम जो तेरे, मो त्यार के जबि हो
नाजा हो, नासमच हो
लेना न इन्तिहां तुम मुझे ते मेरी वफा का
तुम छूट तको न जिसको जो का हूं वो हवा का
जद रों के सामने हो,
जाने जिगर नहीं हो,
आ जाय प्यार तुम पर, ऐसे मगर नहीं हो
हस्रत
से यूँ न देखो,
मैं खाब हूं सुहाना,
राह में त्यार के तो तनहान जोड जाना,
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