अगर ना दे अली पढ़ने की रसम इजाद हो जाए
तो हर सीने में एक ताजा नजफ आबाद हो जाए
तो हर सीने में एक ताजा नजफ आबाद हो जाए
अगर ना दे अली
लबे हैदर की जुमबश पर कहा तो हीद ने अकसर
लबे हैदर की जुमबश पर कहा तो हीद ने अकसर
लबे हैदर की जुमबश पर कहा तो हीद ने अकसर
लबे हैदर की जुमबश पर कहा तो हीद ने अकसर
हमारे अक में भी खुतबा कोई रिशाद हो जाए
तो हर सीने में के ताजा नजफ आबाद हो जाए
तो हर सीने में के ताजा नजफ आबाद हो जाए
ये भर ना देरी
ना काबे से कुशारी पुष कुशारी पुष
ना काबे पर चढ़ाई हो ना उजड़े बाबरी मस्जिद
ना काबे पर चढ़ाई हो ना उजड़े बाबरी मस्जिद
मुसल्मानों को दर से या अली, गर याद हो जाहे
तो हर सीने में एक ताजा नजफ आबाद हो जाहे
अगर ना दे अली
अगर ना दे अली
मेरा हीमान है कश्मीर गजा आजाद हो जाए
तो हर सीने में एक ताजा नजफ आबाद हो जाए
अगर नादे अली पढ़ने की रसम इजाद हो जाए
तो हर सीने में एक ताजा नजफ आबाद हो जाए
तो हर सीने में एक ताजा नजफ आबाद हो जाए
तो हर सीने में एक ताजा नजफ आबाद हो जाए
तो हर सीने में एक ताजा नजफ आबाद हो जाए
दिने में एक ताजा नजफ आबाद हो जाए
अगर नादे अली
और नादे अली तेरी हर मुश्कल आसान हो जाए
अगर नादे अली तेरी हर मुश्कल आसान हो जाए
आसान हो जाए
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