प्रेम से बोला सियुधानी की
जै जै
बोल पर
जै जै
लाखो दिवानी मेरी बोले नाते
भोला जी देते है सब कर साथे
लाखो दिवानी मेरी बोले नाते
भोला जी देते है सब कर साथे
गुजे बोले बुम्के नाराजी
चोले दिवाने बाबा के दरबार में पाने के गमचा नाचे लगले डार में
सबे खते हैं बड़ी दियालू उसको सबको छुमिले वहाँ जाता हे जो
बसतवय जुगेया इसका ने या सर्वाबाई
उनके इरे पैसे जुर चर्ट
लागला महर का तार बावी उपी भीहर में
चले दिवाने बाबा के दरबार में पान के गमचा नाचे लगले यार में
पुणि जरिजा जहां में जता धारी के हो
फुलि किसं हो ता उन दाद्वारी पे हो
लेके जलाते
आवाद चलावे ले रजनी से रातन रेंग्या यहाँ चीज़कर स्वांग में भी आई जाला
बॉनल पिगड़ो लो भागिया बैचुके दरबार में
चले दिवाने बाबा के दरबार में पान के कमच्छा नाचे लगले जार में
चले दिवाने बाबा के दरबार में पान के कमच्छा नाचे लगले जार में