प्रेम से बोला सियुधानी कीजै जैबोल परजै जैलाखो दिवानी मेरी बोले नातेभोला जी देते है सब कर साथेलाखो दिवानी मेरी बोले नातेभोला जी देते है सब कर साथेगुजे बोले बुम्के नाराजीचोले दिवाने बाबा के दरबार में पाने के गमचा नाचे लगले डार मेंसबे खते हैं बड़ी दियालू उसको सबको छुमिले वहाँ जाता हे जोबसतवय जुगेया इसका ने या सर्वाबाईउनके इरे पैसे जुर चर्टलागला महर का तार बावी उपी भीहर मेंचले दिवाने बाबा के दरबार में पान के गमचा नाचे लगले यार मेंपुणि जरिजा जहां में जता धारी के होफुलि किसं हो ता उन दाद्वारी पे होलेके जलातेआवाद चलावे ले रजनी से रातन रेंग्या यहाँ चीज़कर स्वांग में भी आई जालाबॉनल पिगड़ो लो भागिया बैचुके दरबार मेंचले दिवाने बाबा के दरबार में पान के कमच्छा नाचे लगले जार मेंचले दिवाने बाबा के दरबार में पान के कमच्छा नाचे लगले जार में