जैपुर की तन्ने ओठी चुंदडी जीन्द याली जूती
ओ बादरगड का नक्रा लेरी लागे घणी पसूती
जद पानी लेने तू जावे बंगड में माचे सेरी शोरी
रतु दामन पहर कैन यू नाचे जैन नाचे बाग में मोर
पतली कमर तेरी लच कैसे
चन चन बोले तागडी तु ठुमक ठुमक के चले यो तेरे पै मर गया पागडी
तु ठुमक ठुमक के चले यो तेरे पै मर गया पागडी
यर घूंकट की आट मन खीचे तेरी ओर
रतु दामन पहर के लिउ नाचे जैन उनाचे बाग मैं मोर
रतु दामन पहर के लिउ नाचे जैन उनाचे बाग मैं मोर
गणी सिंगर के न बेड़ ठाट
तरीया सीसा रूट जावेगा
हल्वे हल्वे चाल गोरी तेरा मटका फूट यो जावेगा
विक्र मेरा ठोर के गारे पे दीजे में लगाते जोर
रतु दामन पहर के लियू नाचे जन नाचे बाग में मोरी