साथिरे
साथिरे
साथिरे
साथिरे
जब याद तेरी है आती मैं तडप तडप रह जाती
क्या रोग दिया तो अरदी
जीना मुश्रिकै मेरी है करदी
चाहूँ पल भर तुझे भुलाना लेकिन भूल न पाती
जब याद तेरी है आती मैं तडप तडप रह जाती
जब याद तीरी है आती मैं तडप तडप रह जाती
बन गई जोगन तेरे मैं साजन बना कर दुलहन ले जागन
तेरे बिनना जी पाओगी मेरी धर्कन तुमको अरपन
बन गई जोगन तेरे मैं साजन बना कर दुलहन ले जागन
तेरे बिनना जी पाओगी मेरी धर्कन तुमको अरपन
जब याद तीरी है आती मैं तडब तडब रह जाती
जब याद तीरी है आती मैं तडब तडब रह जाती
जब याद तीरी है आती मैं तडब तडब रह जाती
सपनों में आकर जब बंद होती आखे तु दिखता आखे खोलो तो सामने रहता
करवट बदल बदल कर कैसे कैसे रात बिताती जब याद तीरी है आती मैं तडप तडप रह जाती
आखो से ओजहल ना होना सिम्पल हो ही चाऊंगी
वरना मैं पोड़ा जाती
मेरी सासे तुछ में अटके सन सन लेचल छोड़ना एक पल
आखो से ओजहल ना होना सिम्पल हो ही चाऊंगी
वरना मैं पाग मेरी सासे तुछ में अटके
सबनों में तो खुद आ जाता मैं ना कभी भुलाती
जब यादती है आती मैं तडब तडब रह जाती
जब यादती है आती मैं तडब तडब रह जाती
साथिया
साथिया
तडब तडब रह जाती