मुर्ली प्रस्तुत्र प्रस्तुत्र प्रस्तुत्र
मुर्ली वाले कृष्णा ब्रज के राजा
मुर्ली वाले कृष्णा ब्रज के राजा
दूपेओ के मन्यको तुननी याली वाना
दीले घन्सरम्मारे लुगतिर सजाए
तुम्हारे मुस्कान से जुद को सुहाए
दूकुल की गलियों में तुम्हारी छाल माखन चोर कहलाए यशोदा किलाए
तुम्हारी लिला नारी तुम्हारा प्यार खुडाना
मुरली वाले गुष्णा ब्रज्ज के राजा
दुन्दावन में बजे तुम्होरी बासुरी
राधा के संग खेले तुम पेम की पूरु
तोप्तियों के सद्रास रचाय तुमने
तुम्हारी मराः तु जुद तु सन्झाए
मुरली वाले गुष्णा ब्रज्ज के राजा
तुम्हारी लिला नारी तुम्हारा प्यारा खुडाना
मुरली वाले गुष्णा ब्रज्ज के राजा
गोपियों के मन को तुमने किया दिराना निये घंसा वंगपूर मुखुट सजाए तुम्हारे मुस्तान से जग को सुहाए
गोपियों के मन को तुमने किया दिराना निये घंसा वंगपूर मुखुट सजाए तुम्हारे मुखुट सजाए