जेथ मेरे ने बुत भी आया, दाज जड़का एक नी आया
समझ नहीं आँधी सिर्वीका तो फिरती चड़ी जठानी वे, सोनी ता बनाई पोजके
कर्म किसी तों कदे नहीं हर दे, कावा आखे टगे नहीं मर दे
कली करी सी माफ्यां दी ना साला ना साली नी, मुंडा माल माल हो गया
नार वोटी दे थे आगे किले चारी नी, मुंडा माल माल हो गया
अध्या तम्ला केडा वे जो अपना छुगा पटुगा, डली पड़ा के मिश्री दी पोचे दी अंडलिया चटूगा
तु पाँवे जो मरजी कहला अपनियांदा ही पकलेल, चादर रखी पड़ गया मगरो कोई निकलू होर कहानी वे, सोनी ता बलाई पोझके, चटा तेरे वट वीर दीनो राणी वे, सोनी ता बलाई पोझके
पहला वाला नेर नहीं लूकानों हुगया चननणी, अजकल लूकीं पी पतवेच कोई बहुता फर्क न जननणी, अब बलता एक तो ही रख दे, दूत वत ता कद मनी चक दे, रभ दी दात समझ के उनना पुत्ता वांग पाली नी
मुंडा मालो माल हुगया, नाल वोती दे थे आगे किले चारी नी
मुंडा मालो माल हुगया, नाल वोती दे थे आगे किले चारी नी
पहली दे लालच विच लोकी जेथ वांग पत विया लेंदे, पर अगो कई कुडी वियाके दूझा विया करवा लेंदे
पर जद कोई चाक नी रहंदी, नुहा उठे बिजली पहंदी, पर सकुटर टीवी मग दे चाटी सने मदानी वे, सोनी ता बलाई पोजके
शात पाड की दिनदा रभ जी हो जी नजर सवली नी, सारे सुखन वाले देवेच करकर इगल चली नी, ना डूखां सब मूरे लालू, पिंडवेच अपना तौर बनालू, फसल वेच के लौव मरूती ते एक रभल दनाली नी
मुंडा माल माल हो गया, नालवोटी दे थे आगे किले चाली नी, मुंडा माल माल हो गया
जट तेरे वट वीरदी नो राणी वे, सोनी ता बनाई बोज़ के