अआ आआआ। आआआआआ।आ आआआआआ।
आआआआआआआआ। आआआआआआ।ान।
विहार कौम यह अजब दरदनाक कांड है
कहां की काहानी है भाव भूमिका में कभी दिये है
सिरीमन नरायन मास्टर जी के देरावाले
वतन की रख्षा में बंदूक उठाने वाले
सेना से छुटी लेकर जौन घर पे आया था
हसी खुसी का जीवन लाल वह बिताया था
ख़तम छुटी हुई तो मा से अपने बोला है
बहू के पेट में है बच्चा भेद खोला है
मैं तो डिव्टी पर चला रख्षा तू करना तू
अरे इलाज बगसर कराना भी करना करना तू
सून डिव्टी पे चला बोज मा पे आई है
सून डिव्टी पे चला बोज मा पे आई है
बात समहले म बगसर के पास शरिमन नारायं काटेरा
नामा के गाउ हैं जहाँ के बहुत से ज़वान सेना में
भरती हैं वतन के रखवाले हैं वहां के ज़वान
केवल देश भकती में ही भरती होया करते हैं ता
कि इस जीवन को धन्य बना लें एक ज़वान आया और
अपनी अवरत के साथ मस्ती मोज करके और जब जाने
लगा अपने मां से कहा कि मां अब तो मैं ड्यूटी
पर जा रहा हूं लेकिन मेरी अवरत के पेट में बच्चा
है मेरी छुट्टी खतम है देश भकत हूं देश की सेवा करने
के लिए हूं अब तो मैं जा रहा हूं लेकिन मेरे बच्चे
की रख्षां तुम करना मां आज अपने मां को और अपनी
अवरत को छोड़ करके ज़वान ड्यूटी पर चला गया
लेकिन यहाँ तरज बाओं
अरे किसी अजनवी पे तेरा आगया जो दिल होगी बढ़ी मुस्तिल
आज चली इलाज कराने के लिए लेकर के अपनी पतो
मेरे साथियों अपनी पतो को लेकर के चल देती है वह बुढ़ीया अवरत
रोड पर आती है जब कोई साधन दिखाई नहीं दिया एक
ट्रक्टर वाला ट्रक्टर ले करके आ रहा था आवाज देती है
कि बेटा मेरी पतो की जान ख़त्रे में है जरा रोक दो मैं भी
चलूँगी आखिर ट्रक्टर वाला हमदर्दी किआ रोक दिया
ट्रक्टर बेट गई बुढिया धीरे धीरे ट्रक्टर चलने
लगा एक तो उसके पतो की तवियत खराब और दूसरे
सवारी ट्रक्टर की आखिर चोबे की च्छावनी नामक गाउं
के पास जब ट्रक्टर आया ट्रक्टर वाला पान का बड़ा
सोखीन था ड्राइबर पान की दुकान देख करके और गाड़ी
को लगा करके उस रोट पर पान खाने चला गया लेकिन
तब तक हुआ किया तरजबा भोजपुरी के की अरे साहे
बबी नाठी कूली सून बाली लार हो साहे बबी नाठी
कूली सून बाली लार हो साहे बबी नाठी
कि ना नाठी त्योरी ना गरी तिकूली बिकाई रे ना नाठी
त्योरी ना गरी तिकूली बिकाई रे ना नाठी
कि ना नाठी त्योरी ना गरी तिकूली बिकाई रे ना ना नाठी
कि ना नाठी त्योरी ना गरी तिकूली बिकाई रे ना ना नाठी
कि ना नाठी त्योरी ना गरी तिकूली बिकाई रे ना ना नाठी
कि ना नाठी तिकूली बिकाई रे ना ना नाठी
कि ना नाठी तिकूली बिकाई रे ना ना ना नाठी
कि ना नाठी तिकूली बिकाई रे ना ना नाठी
कि ना नाठी तिकूली बिकाई रे ना ना नाठी
कि ना नाठी तिकूली बिकाई रे ना ना ना नाठी
कि ना नाठी तिकूली बिकाई रे ना ना ना नाठी
कि ना नाठी तिकूली बिकाई रे ना ना ना नाठी
कि ना ना ना ना ना ना नाठी
कि ना ना ना ना ना ना ना ना नाठी
मैं जी नथी अंसिन समाईया भाई
अरे दुब जाई कूल खाना धनवाये बाबुजी हो
दुब जाई कूल खाना धनवाये बाबुजी हो
अरे गणवा पकन बुढ़िया कर हाथ जोरिया हो
अरे विखिया में देद प्राना धनवाये बाबुजी हो
अरे मन बाबा चनवा जोना मर बाबुआ नावा हो
अरे देबे के पड़ी जाई है का फनवाये बाबुजी हो
अबे लड़के रुख जाओ, रुख जाओ
ट्रेक्टर के पास मत आनां
वरना तमाम जिंदगी जो बैठी हुई है ट्रेक्टर पर खतरे में पड़े जाएगी
कफन का इंदजाम करना पड़ेगां
लेकिन मगरूर मुखिया और उसके कार में बेठा हुआ लड़का करते हैं क्या?
कि बुढिया को धका दे पापी, ट्रेक्टर को दिया चलाई है
अपने दो पापी कूद गया, ट्रेक्टर खाई में आई है
कि गर्भवती वह यबला उस चेंट्राली से गई दबाई है
उड़ गया पखेरू प्राण चोड, अरे बच्चे की प्राण गमाई है
मच गया चतुर्दिक हाय हाय, तब जनमा नस गर्माई है
आखिर ट्रेक्टर चालू कर दिया, ट्रेक्टर खाई में चला गया
बुढियाय और गर्भवती अवरत दोनों ट्राली से दब करके मर गयी साथ में
वह पेट में जो गर्म में था बच्चा वो भी मर गया
लेकिन आज तमाम इलाके के लोग उसके इस हरकत को देख करके
माहोल गर्मा गरम हो गया भाव है कवी का
उधर ही स्कूल था बगल में, जब लड़के जान गये की हमुखिया ऐसी हरकत किया है
तमाम चात्री कठे हो गये और कहने लगे मिल जूल करके
फ़ड़ा सा बढ़ा ता मास्टर खाली रीट
तर याल हाँ कवही बाँ
अरे कवन रे चिरईया बिनु दाया नवा कवड़ी हो गयी
अरे नदिया कवन जो जूरे न बढ़ी आया
आ कवन रंग बज़वा पर देशवा में छवले माले
अरे कवन रे तीरी अवासे जी एप भईली नाल
एकर जबाब लो गाबेलन कि अब प्राण रे चिरईया बिनु दाया नवा कवड़ी हो गयी
अब नदिया नया न जो जूरे न बढ़ी आया
लाखन रंग बज़वा पर देशवा में छवले माले
अब रंभारत तीरी अवासे जी एप भईली नाल
लेकिन जब इकठे हो गए चात्र जो करते हैं क्या
हरे खेदी लिये लाल भागे पापी ते ही चान वाए भाईया
हरे मुखिया भागी भागी इस कुलावे में जाया
हरे लेकिन जाये चात्र घेरी लिये इस कुलावे भाईया
हरे क्रोधवा में बज़वान के ना ही कुछ पुझाया
आ पकड़ी कलरी आता बाखी चलन को ठरिया भाईया
हरे लाथ मुखवा होगी रे मुखिया भाईया
जब खेद दिये लड़के भाग चला मुखिया कहते हैं कि अभे साले तुमने
केवल सीनेमा के नसा में आज बुढिया और उसकी पतो और उसके होने वाले नाती का जान लिया है
तो तेरा भी जान लेना कोई अनुचित नहीं होगा
जब दोड़ा दिये लड़के भाग करके स्कूल में चला गया मुखिया
आखर जाकर के चात्रों ने पढ़ने वाले लड़कों ने उस मुखिया को बाहर किया
लात मुखे भूसे गिरने लगे
लेकिन बालक कुछ बोल उठे ऐसे बनता है काम नहीं
इस अधमनार की पापी का बस इतना ही परिणाम नहीं
जिस सान से बैठे गारी से पापी ने हुकुम लगाया है
बचे उत्तेजित मार पीट उस गारी में बैठाया है
कहते हैं कि ऐसे पापी को सिर्फ इस जुर्म का इतनी सजा नहीं चाहिए
जिस गारी के नसा में आकर के और इसने हत्या किया है
इसको उस गारी में बैठाया जाए
और इसकी सजा जो उचित है वह दी जाए
आखिर लड़के घशीटते हुए
उस विजेमुखिया को ले आकर कि उस मारुती कार में बैठा दिये
और फिर किये क्या?
अरे गड़िया से काड तब लिये पेटर लवाए भईया
अरे मारुती पर दिये चारो वो रस गिराय
अरे बारी के मची सवा गिराय मारुती पर भईया
अरे बापी भी जाया यब वही में मारी जाया
आखिर लड़के ले आकर कि उस मुखिया को उस गाड़ी में बैठा कर कि
दिया सलाई लगा कर के और उसी गाड़ी से पेटरोल निकाल कर के गाड़ी पर छड़क दिये
कार जलने लगी तो कवी का भाव है
अरे जैसन करब काम वैसन फलपाव है के परी
आगे हूं जैसन वैसन पीसन उठाव है के परी
अरे उठाव है के परी
आगे हूं जैसन वैसन पीसन उठाव है के परी
अरे धन घमंड रंगदारी सब दिन काम न कोई के आई
अरे आगरी बीवाली देती लोहा भस्म जलाई
जे ना समझे अब वो के समझाव है के परी
गे हूं जैसन वैसन पीसन उठाव है के परी
कभी ने कहा है कि धन घमंड और रंगदारी किसी की हर समय काम नहीं आती है
जैसन गोहुबा वैसन पीसान होई इसलिए हमेशा इस धरती पर बुरे काम से डरना चाहिए
कभी का कहनाम है कि थोड़ी देर के कारण हो गई एकी बग्या सून
एक बली का छात्र सक्ति ने किया पकड़ कर खून
धन बल से ना गरी बवन के मिटाव है के परी
गेहु जैसन वैसन पीसन उठाव है के परी
उठाव है के परी हो यब उठाव है के परी
गेहु जैसन वैसन पीसन उठाव है के परी
गुर्देवु की फुल्वारी
गुर्देवु की फुल्वारी
गुर्देवु की फुल्वारी
भोला सिवधर सन बाला कासी मन लाई
अभी साला जान से जाई
जैसा जो करेगा वैसा ही फल मिलेगा
इसलिए इस धर्ति पर आकर के पाँ को
बहुत सम्भाल करके कडालना होगा मिट्रों
कहना है कभी काम कहसूमपराकुर्वर如प जदू गुर्देवु की फुल्वारी
कहना है कभी काम कहसूमपराकुर्वरु जदू गुर्देवु की फुल्वारी
कथन करत कभी रांबिलासमा सारद की बलिहारी
अभी साला जान से जाई
भोला सिवधर सन बाला कासी मन लाई अभी साला जान से जाई