हसी फजा का तकाजा है मुझे से प्यार करो
मुझे से प्यार करो
नहीं अभी नहीं मेरी हया का तकाजा है इंतिजार करो
नहीं नहीं नहीं
भड़क उठी है महबत की आग सीने में
करीब आओ के आजाए लोट भी जीने में
तुम्हें कसंब है वफा की न बेकरार करो
नहीं बेकरार करो
नहीं मुझे से प्यार करो
नहीं नहीं नहीं
तुम्हारा प्यार मेरी जिन्देगी कहा से है
जहाँ तुम्हार गदम है वो मेरी मंदिल है
मेरी जानो दिलसे तुम्हारी हूँ एतबार करो
एतबार करो
नहीं नहीं नहीं
यकी है तुम पे मगर जब ते इंतिजार नहीं
वफा का दावा है और दिल के इततियार नहीं
है इततियार तुम्हारा नजर तो चार करो
मुझे से प्यार करो
मेरी हया का तकाजा है इंतिजार करो
मुझे से प्यार करो