Sikwa Supri
मुझो तुमे कमवार जरूरी कि एब करे तु घरेच जा
सुभ जोच जा,
मजद जोच जा या शाम जोच जा
परच जा
मुझो तुमे कमवार जरूरी कि एब करे तु
घरेच जा
सुभ जोच जा,
मजद जोच जा या शाम जोच जा
परच जा
मुझो तुमे कमवार जरूरी
कि या
शाम जोच
जा
परच जा
मुझो तुमे कमवार जरूरी
कि
ये चामा तुही जोकाच हो,
ये चामा तुठर एच जा
मुझो तुमे कमवार जरूरी
कंग्राणी मुते बिग्ड़ा था वतन,
कंग्राणी मुते हालात काबू मेना है,
हालात काबू मेना है
शाय जो सदे माहोल जो तुम अगी वतन अनवर अच जा
सुभव जो अच जा मजंद जो अच जा या शाम जो अच जा परच जा
मुझो तुमे कमवार जरूरी
किन इब करे तुम घर अच जा
सुभव जो अच जा मज़द जो अच जा या शाम जो अच जा परच जा
मुझो तुमे कमवार जरूरी