बढ़ते फासलों में रिष्टों का ये दम कहा है
सुनना चाहें लोगों जो मेरा कलम वहाँ है
सडते होसलों में किष्टों का भी बंफटा है
फरजी कॉलेजों में आज ये वतन खड़ा है
मरजी और भी जो लिख तु कहदे बेवडा है
अलरजी बेडियों से रख महंगा फेफडा है
मार बीवीयों को ही तब तु बेगुना है
जेब खाली तेरी थी तेरा ये गुना है
मेरे सपने भी तु रोक ले क्या रहनु मा है
तेरी बेडियों में फस के मेरा दम गोड़ा है
मा की एडियों को किसके लड़का बंबना है
सर पे चड़के सबके मूत दूँ ये गलपना है
क्या पता ये भी कर जाओं मैं मन बना के
मेरी बाते बहुत रूड है
मेरे जैसे बहुत मेरा कॉंडम लूज है
फेमिनिजम फाक बनूं क्योंकि मेरा मूड है
मेरे पॉलिटिकल व्यूज है
कहीं छोड़ ना दे आना रोज आते हैं जो घर
मेरे तितलियों से खाब हैं और बिजली सा है सर
बनता बाप का भी बाप जाता खाली जेब घर
बैठा देर तक मैं बीटो पे लंबी है सफर
देख बाप की मैं जूरियां खो रहा सबर
मैं जो लिख दू सब वो क्लिक करेगा आने दो पहर
मैं जो बहनू सब वो ब्लिंक करेगा देखेगा शहर
मैं जो कह दू सब वो लिंक करेंगे स्टोरियों में तब
शायद फक ना दू मैं चूटियों को आएंगे जो तब