दिल से दिल की बाते ये रंगों में ये रात है
मुहब्बत का जादो है सपनों का ये साथ है
पल के जो जुपी सी है आँखों में नशा है
धर्टन से धर्टन मिले राहों में नयासा है
मुहब्बत का रंग बुल पे चमे लगा
हर खड़ी हमको यूँ ही बहकाने लगा
चांदनी रात रंदीन है सितारों में कहानी है
आशिकों का भुलावा प्यार की मस्ती पुरानी है
दिल से जो आए वो बात है खुशबू में भी राहत है
सुबीर का रंग बुल पे नयासा है आँखों में नयासा है
दूपान से जो कहना साके आखों से वो कैद है
महापत का रंग दुदे जने लगा
हर खरी हमको यूई तहताने लगा
हर खरी यूई तहताने लगा
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