सक्ही सुर्हो सिंगार सजाये
मिथिला में सिया के राम आये
राम के कन कन चरण रज़पडे
सगरि जनकपुर के शुभाबडे
सक्ही राम सिया सन्सबाये
मिथिला में सिया के राम आये
सक्ही सुर्हो सिंगार सजाये
मिथला में सिया के राम आये
छेड़े सक्हियां,
छेड़े सक्हियां
सिया मुस्काये,
मिथला में सिया के राम आये
भाग गग हम ले सिया के
मिथला में राम आये रे
सक्हियां भी लेती बलायां, लखन संग राम आये रे
आये है जमाही रे, जनक जी दे बधाये रे
मिथला में सिया के राम आये
सक्हियां सहेलियां,
राम सवर माँझे केओ माँजे लख्ष्यु मन बर
सख्यआं सहेलियां,
राम सवर माँजे केओ माँझे लख्ष्यु मन बर
निहारे सियावर ऐसा हो अपना स्वयंबर
तोड़ धनुश आये धनूधारी
कदम पड़ते कनकन खे जाये
मितिलामे सियाके रामाये
सक्ही सुर्हो सिंगार सजाये
चेड़े सक्हींग सिया मसकाई मितिलामे
सियाके रामाये
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