सवन के महीला में एगो बिरहीन के बेदना हूँसवन बीद जाय चाहला, पिया परदेशी हो गईल मनुकहिया है इँहो, केवल चिठी पाती से काम चलत बाईउदुलहिन कहत बाई, मौसम के मार हूँहो, हो, हो, होहरारितु के वानी सुन सावन शिनारी करेबाबाबार बार पापी पपी हरा फुकारेकाला पदरवा कजरवा पर जुम पड़ेधरती बियोगन पलया चल समारेकाली पदरिया नजरिया पर तरसेअजी रही रही पवनवा गुंखुटवा के टारेसुखननन क्यारी में मोती हुबावाक्योंकि गाती पयलिया है तुम्हरे सहारेहरादुल्हें के लिए फोन से बतावा था सनिया कही जाए ही बातशमन मा बीच जाए काहाँका बतावेअरे बरसरी मझ्यीम सावन के बदरिया नाअरे बरसरी मझ्यीम सावन के बदरिया नाअरे बदरिया ना हो बदरिया नाअरे बदरिया ना हो बदरिया नाबरसरी मझ्यीम सावन के बदरिया नाअरे बरसरी मझ्यीम सावन के बदरिया नाये संयाजीजब जब पुरवय्या चलेलेजाना तनी हमार मन कैसेन करेलाअरे पड़े सावनी फुहारअरे पड़े सावनी फुहार मन लागना हमारमन लागना हमार मन लागना हमारकाटे धावे हाईकाटे धावे हाई भीरही से जरी आनाकहा कहीं ये सकीफोनवास तहाँ जल होगा था लेकिनअभी आवे के नहीं कहता होगाएक तपिया परदेश तुझे भेजना सनेशतुझे भेजना सनेशअरे तुझे भेजना सनेशअरे तुझे भेजना सनेशतिसर तान मार है कोई लरी आणतिसर तान मार है कोई लरी आणArre, कोई लरी आण हो . . . कोई लरे आणArre, कोई लरी आण हो . . . कोई लरी आणकोई लरे आण हो . . . कौई लरे आणSaratana maare āye, कोई लरी आण हो . . .Saratana maare āye, कोई लरी आण . . .यह बिरहिन बता रही है . . .यह इसें बरसाथ चामन को होत बाद . . .यह एक होट टीपी टीप चूप होता . . .हरातन तो चामनी नहीं करता . . .वो बने सकी से बता होता बाद . . .हरातन तो चामनी नहीं करता बाद . . .हरातन तो चामनी नहीं करता बाद . . .वो बने सकी से बता होता बाद . . .हरातन तो चामनी नहीं करता बाद . . .हरातन तो चामनी नहीं करता बाद . . .हरातन तो चामनी नहीं करता बाद . . .हरातन तो चामनी नहीं करता बाद . . .हरातन तो चामनी नहीं करता बाद . . .हरातन तो चामनी नहीं करता बाद . . .हरातन तो चामनी नहीं करता बाद . . .हरातन तो चामनी नहीं करता बाद . . .हरातन तो चामनी नहीं करता बाद . . .