खुदा के दिन से रगबत नहीं ताजब है।
तुझे नमाज की फुरसत नहीं ताजब है।
हाँ है तेरे पास बहुत वक्त गीबतों के लिए।
तुझे नमाज की फुरसत नहीं ताजब है।
अल्लाह के।
अल्लाह के कर्म मे सरक जुगाके दे।
मिलता है क्या नमाज मे सचते में जैके दे।
मिलता है क्या नमाज मे सचते मे जाके दे।
मिलता है क्या नमाज मे सचते मे जाके दे।
मिलता है क्या नमाज मे सचते मे जैके दे।
वो खुश नसीब है जिसे मन्जूर है नमाँ
मौमिन की पाक रूह का इक नूर है नमाँ
शैतान की पाँच से बहुत दूर है नमाँ
शैतान की पाँच से बहुत दूर है नमाँ
दिल को गुदा के याद का मशकर बना के दे
मिलता है क्या नमाँस में सजदे में जाके दे
मिलता है क्या नमाँस में सजदे में जाके दे
परिकत हजार साथ मिलाती है ये नमाँ
चलवा खुदा का साफ दिखाती है ये नमाँ
बंदे को अपने रब से मिलाती है ये नमाँ
बंदे को अपने रब से मिलाती है ये नमाँ
बंदे को अपने रब से मिलाती है ये नमाँ
बंदे को अपने रब से मिलाती है ये नमाँ
बंदे को अपने रब से मिलाती है ये नमाँ
बंदे को अपने रम से विलाती है ये रमान।
मिलता है अगर खुदा से मुसल्लावे जाके दे, मिलता है क्या नमास में सच्वे में जाके दे।
मिलता है क्या नमास में सच्वे में जाके दे, मुन्कर नकीर कबर में पूछेगे जब हिसाद।
देगी नमास खुदी नमासी का हर जवाद।
बिट जाए।
मिल जाएगा नमाज से सब कबर का आजाब।
उस रब्बुल आलमी से तू न लगा के दे।
मिलता है क्या नमाज में सच्वे में जाके दे।
मिलता है क्या नमाज में सच्वे में जाके दे।
उस रब्बुल जलाल की मर्जी नमाज है।
पक्षिष्की और निजात की सीडी नमाज है।
दर्वात नमाज है।
दर्वात नमाज है।
सब कुछ मिनेगा फुद्धको नमाजी बना के दे।
मिलता है क्या नमाज में सच्वे में जाके दे।
मिलता है क्या नमाज में सच्वे में जाके दे।
मिलता है क्या नमाज में सच्वे में जाके दे।
।