मिल जाए हमारे राम अगर उनसे ये कहो कब आएंगे
जा कर कहना अब उनके बिन पल भर भी जीना पाएंगे
मिल जाए हमारे राम अगर उनसे ये कहो कब आएंगे
जा कर कहना अब उनके बिन पल भर भी जीना पाएंगे
मिल जाए हमारे राम अगर उनसे ये कहो कब आएंगे
जा कर कहना अब उनके बिन पल भर भी जीना पाएंगे
जाकर कहना अब उनके बिन पल भर भी जीना आएंगे
मिल जाए हमारे रामा गए
इस हाल में होंगे जाने वो
दिन रात कहां रहते होंगे
ना जाने किस भी हड़बन में दुख तीनों क्या सहते होंगे
उस जंगल में जाने वो
उस जंगल में सुख महलों के
रघवर कहां से लाएंगे
जाकर कहना अब उनके बिन
जाकर कहना अब उनके बिन पल भर भी जीना आएंगे
जाकर कहना अब उनके बिन
बिन पल भर भी जीना पाएंगे
मिल जाए हमारे रामगर
मिल जाए हमारे रामगर
सियाराम लखन के उपवन में
सियाराम लखन के उपवन में
खुशियों के गुल खिल जाएंगे
जाकर कहना बुन के बिन
पल भर भी जीना पाएंगे
जाकर कहना बुन के बिन
जाकर कहना वो उनके बिन पल भर भी जीना पाएंगे
मिल जाए हमारे राम अगर उनको ये कहो कब आएंगे
जाकर कहना वो उनके बिन पल भर भी जीना पाएंगे
जाकर कहना वो उनके बिन पल भर भी जीना पाएंगे