मिठ्यमाया ये
संसार जगत साई
जगत साई
जानीचि मुही, जानीचि मुही
तुम बिना एइ दुनियारे आऊँ
साखे नहीं मुरो,
साखे नहीं
भासु अच्छी आजी
मुही
अथलो सगरी,
तो थापी दिशुची तुमो
रुपो मुआ गरी
रोख्या कर भाव
ग्राही
दुख्ख दरियारू,
भव शिन्धु पार हेबी तुमो करुनारू
परम विश्वासे तुमो नाम ध्याई,
रहीची मुही त्रभू, रहीची मुही
मन
खोली देही निती
तुमोरी निकोटी,
दाकी अच्छी निरोबोरी
सुखे वासंकोटी
तुमो बिना दुनियारी जाने नाही कीछी,
मारो अब तारो प्रभु,
निष्चिंते रहीची
सारा जीवनमु तुमो भरसारे,
सारा जीवनमु तुमो भरसारे
देली कोटाई, प्रभु,
देली कोटाई,
देली कोटाई,
प्रभु,
देली कोटाई
मिछ्छमाया ये संसारो जगतो साई,
जगतो साई
तुमे खाली सत प्रभु,
जानीची मुही, जानीची मुही,
तुमो बिना एइ दुनियारे आउ, साहा के नहीं,
मुरो
साहा के नहीं,
साहा के नहीं,
मुरो साहा के नहीं,
मुरो साहा के नहीं,
मिछ्छमाया ये संसारो जगतो साई,
जगतो साई
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