सजला तुम दरयाव हो मैं गड़यन का नीर
नेर सागर में भयो जब कंचन भयो सरीर
पर पासली में दर्डे हुयो ये मारी माँ
पर पासली में दर्डे हुयो ये मारी माँ
पर पासली में दर्डे हुयो ये मारी माँ
पर पासली में दर्डे हुयो ये मारी माँ
पर पासली में दर्डे हुयो ये मारी माँ
कैवो तो ये बेटी थारे देवर ने बुलाँ
नहीं ये मारी माँ
बोटा बर कोखां मैं कोनी ये मारी माँ
कैवो तो ये बेटी थारे सुसरे ने बुलाँ
कैवो तो ये बेटी थारे सुसरे ने बुलाँ
कैवो तो ये बेटी थारे सुसरे ने बुलाँ
कैवो तो ये बेटी थारे सुसरे ने बुलाँ
कैवो तो ये बुलाँ
कैवो तो ये बेटी थारे सुसरे ने बुलाँ
कैवो तो ये बेटी थारे सुसरे ने बुलाँ
कैवो तो ये बेटी थारे सुसरे ने बुलाँ
कैवो तो ये बेटी थारे सुसरे ने बुलाँ
कैवो तो ये बेटी थारे सुसरे ने बुलाँ