बंद आँखों ने तुझे ढूँडा
तु कहा थी मेरी प्रियत्मा
आसमानों पे या जमीपे
तु कहा थी मेरी सुरत्मा
बरसों से ढूंड रहा तुझे को तलाश रहा
पग पग घूम रहा अंदता काश रहा
बरसों से ढूंड रहा तुझे को तलाश रहा
बरसों से ढूंड रहा तुझे को तलाश रहा
पग पग घूम रहा अंदता काश रहा
मन की आँखों ने तुझे ढूंडा
तु कहा थी मेरी तिलोत्मा
बंद आँखों ने तुझे ढूंडा
कि आँखों ने तुझे ढूंडा
तु कहां थी मेरी प्रियत्मा
मन म्रग ढूंड रहा
खुशब तलाश रहा
तुझे कभी देखा नहीं
फिर भी एहसास रहा
मन म्रग ढूंड रहा
खुशब तलाश रहा
तुझे कभी देखा नहीं
फिर भी एहसास रहा
तन की खुशबू ने तुझे ढूंडा
तु कहां थी मेरी उत्मा
बंद आँखों ने तुझे ढूंडा
तु कहां थी मेरी प्रियत्मा
एचा इस पर शिराहा
दिल भी है कांप रहा
मन मंदिर में मेरे प्रेम का जाप रहा
एचा इस पर शिराहा
दिल भी है कांप रहा
मन मंदिर में मेरे प्रेम का जाप रहा
दिल की धड़कन ने तुझे ढूंडा
तु कहा थी मेरी निरुपमा
बंद आखों ने तुझे ढूंडा
तु कहा थी मेरी प्रियतमा
आसमानों पे या जमीपे
तु कहा थी मेरी सुरुतमा
तु कहा थी मेरी प्रियतमा