तेरे स्वां मैं कुछ नहीं तू ही तो दीदार है
मेरी ख्वाहिशें, मेरी जुस्त जू है वो तेरे नाम के
ये अनकही बाते मेरी यूँ पढ़ली इन आँखो से
मेहफूजीयां नजदी खियां अब दिल को भाने लगे
यूँ मैं खुद में वाकी ना रही पूरी हुई तुझ सही
ये मंजले और इरास्ते अब तू जाना
तू ही मेरी हमनशी तुझ में
मेहफूज मेरी खुशी जाना तू ही मेरी
हमनशी तुझ में
जाने की बाते
करके दिल यूँ दुखाना ना
आन्खों में आखे भरके वावे दिखा जाना
सहमीसी सासों में तुम इतर सासम आ जाना
बहकीसी बातों में तुम
खामखा ही आ जाना
यूँ मैं खुद में वाकी ना रही पूरी हुई तुझ सही
और ये रासते अब तू
जाना तू ही मेरी हमनशी
तुझ में महफूज मेरी खुशी
जाना तू ही मेरी हमनशी
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