कि यह उस समय का दृष्ट है जब प्रभु श्रीआम को वनवास होता है और उस दौरान उन्हें गंगा पार करनी होती हैतो वह केवट से बोलते हैं कि भाई मुझे उस पार पहुंचा तो केवट उनकी ख्याति जानता और यह भी जानता है कि यहसाक्षात प्रभु है तो वह बोलता है मैंने उससे सुना है कि आपके एक पथर की शिला को अपने नारी बना दिया थाएलिया का प्रकृत एलिया तो आपने उसको शिला बना दिया था और मेरी नाव तो लकड़ी की है आप उसमें बैठूंगा उसमेंपैर धूं और फिर आपको नाव में बैठा हूं यह प्रकरण है लेकिन के बट जानता था कि यह वह एक तरह से उनके पैर दोनाचाहते हैं और उन्हें पांप दोना चाहता हूं तो सब्सक्राइबकुछ दोथे मेरी छोटी सी है नातेरे जादू भर पाऊं मोहें डर लागे राम कैसे बिठाऊं तुम्हे नाम मेंमेरी छोटी सी है नाम तेरे जादू भर पाऊं मोहें डर लागे राम कैसे बिठाऊं तुम्हे नाम मेंजब पथर की बन गई नारी ये तो लकडी की ना हमारीपालू सब परिवार मेरा यही रोजगारसुनो सुनो जीदातार कैसे बिठाओ तुम्हे नाओ मेंमेरी छोटी सी है नाओ तेरे जादू भर पाओ मोहे डर लागे नाओकैसे बिठाओ तुम्हे नाओ मेंप्रभु एक बात मेरी मानोअपने चाहिएअपने चर्णों की धूल निकालोप्रभु एक बात मेरी मानोअपने चर्णों की धूल निकालोमेरा संदेह हो वै दूरसुनो मेरे हुजूरकरो ये मन्जूरआओ बिठाओ तुम्हे नाओ मेंमेरी छोटी सी है नाओ मेंतेरे जादू भरे पाओमोहे डर लागे नाओकैसे बिठाओ तुम्हे नाओ मेंबड़े प्रेम सहित पग धोएपाप जनम जनम के खोएबड़े प्रेम सहित पग धोएपाप जनम जनम के खोएहुआ मन में प्रसन कि ये राम दर्शनसंग सिया लक्षमनआओ बिठाओ तुम्हे नाओ मेंमेरी छोटी सी है नाओतेरे जादू भरे पाओमोहे डर लागे नाओकैसे बिठाओ तुम्हे नाओ मेंकैसे बिठाओ तुम्हे नाओ मेंदीरे धीरे वो नाओ चलातामन मिंगीत खुशी के डाताधीरे धीरे वो नाओ चलातामन मिंगीत खुशी के ढाताकहता यह मन मेंसुबंद छिड़ूसुबंद छिड़ूशण में नहीं जाओ बन में बैठे रहो मेरी नाम मेंलेलो लेलो मला उत्राई मेरे पले नहीं का छुपाईलेलो लेलो मला उत्राईलेलो लेलो मला उत्राईमेरे पले नहीं का छुपाईजैसे तुम हो खेवया वैसेभाई भाई से लेना शरम हैमैंने किया है नाव पार करना भवसागर से पारमेरी यही है गुहारकैसे बिठाओं तुम्हे नाव मेंमेरी छोटी सी है नावतेरे जादू भरे पाममोहे डर लागे रामकैसे बिठाओं तुम्हे नाव मेंमेरी छोटी सी है नावतेरे जादू भरे पाममोहे डर लागे रामकैसे बिठाओं तुम्हे नाव मेंकैसे बिठाओं तुम्हे नाव मेंकैसे बिठाऊं तुम्हे नामेओ रे रामकैसे बिठाऊं तुम्हे नामेओ रे राम