मेरी चोखट पे चलके आज चारो धाम आए हैबजाओ ढोल स्वागत में मेरे घर राम आए हैकथा सबरी के जैसे जुड़ गई मेरी कहानी सेनरो को आज धोने दो चरन आखों के पानी सेबहुत खुश है मेरे आसों के प्रभु के काम आए हैबजाओ ढोल स्वागत में मेरे घर रामआए हैबजाओ ढोल स्वागत में मेरे घर राम आए हैतुमको पाके क्या पाया है स्विष्टी के कण कण से पूछोतुमको खोने का दुख क्या है कौसल या केमन से पूछोद्वार मेरे के अभागे आज इनके भाग जागेबड़ी लंबी इंतजारी हुई रगवर तुमारी तब आई है सवारीसंदेश से आज खुशियों के हमारे नाम आए हैबजाओ ढोलस्वागत में मेरे घर राम आए है