तुम रोज हनुमान जी की स्टोरी क्यूं लगाते हो?
दवाईये
मेरी खोपडी में कितना टेंच है ने तीरू को मालूम क्या?
दवाईये रे
हे दुख भन्जन
मारुती नंदन
हे दुख भन्जन
मारुती नंदन
सुनलो मेरी पुकार पवनसुत विनती बारंबार
हे दुख भन्जन मारुती नंदन
हे दुख भन्जन मारुती नंदन
सुनलो मेरी पुकार पवनसुत विनती बारंबार
पवनसुत विनती बारंबार
जब से तुमको देखा हन्मत तेरा ही बस खो गया
इस दुनिया से तोड के नाते तुझ में ही बस खो गया
दुख, दर्ग, चिन्ता, परिशानी सब ने मुझ को घेरा है
तुमसे ही बस उज्यारा बिन तेरे गोर अंधेरा है
मेरे इस बुरे समय में बाबा सबने साथ मेरे छोड दिया
दास तेरा हारा पढ़ा है राहूने भी मुख मोड लिया
संकत मोचन नाम तेरा मेरे भी संकत दूर करो
धिर्दे से तुमें पुकार रहा है नात मेरा कल्यान करो
अश्ट सिधी नव निधि के दाता
दुखीयों के तुम भाग्य विधाता
अश्ट सिधी नव निधि के दाता
दुखीयों के तुम भाग्य विधाता
सियाराम के काज सवारे
मेरा करो उधार
पवन सुत विनती बारंबार
हे दुख भंजन मारुती नंधन
हे दुख भंजन मारुती नंधन
सुनलो मेरी पुकार
पवन सुत विनती बारंबार
दरदर भटकराहूं बाबा मन्जिल न मुझे मिल रही पूट
रही मेरी उम्मीदें क्या तुझ पे इसका हल नहीं
सुना था राम नाम लो तो बजरंगी दोडे आते हैं पर
तुम तो अभी तक न आये विचैन हुई मेरी राते हैं
ना भूख प्यास लागे मुझे को और नीद मुझे अब आती नहीं जीता जीता मर
रहा क्या तुझ को याद मेरी आती नहीं तडप रहा अंधकार में मुझे को बिन
तेरे कुछ याद नहीं करो कृपा है महाविर तुम से तो कुछ भी छिपा नहीं
अपरंपार है शती तुमारी तुम पर रीजे अवध बिहारी
अपरंपार है शती तुमारी तुम पर रीजे अवध बिहारी
से दाऊंतो है भक्ति भाव से दाऊंतो है
कर दुखों से पार पवन सुत विनती बारंबा
मारुति नंधन
हे दुख भंजन
मारुति नंधन
सुनलो मेरी पुकार
पवन सुत विनती बारंबार
पवन सुत विनती बारंबार
हे शंकर स्वयम के स्रीनंदर मैं तुछ को पुकार रहा
तामस इस अशुद्ध देह से तुछ को मैं निहार रहा
वर्ष इतने बीट गए हनुमत कब दर्स दिखाओगे
माया के इस जीवन से कब मुझको आन बचाओगे
लखन के प्राणों को तुमने पल भर में ही उबार दिया पर क्यों इस
अभागे पर तुमने ना जरा भिध्यान दिया यही समय है आजो प्रभुजी
मुझको तुम संभाल लो देर न हो जे हनुमत मेरे कश्टों को तुम तार दो
जपू निरंतर नाम तिहारा अब नहीं छोडूं तेरा द्वारा
अब नहीं छोडूं तेरा द्वारा
राम भक्त मोहे शर्ण में लीजे
राम भक्त मोहे शर्ण में लीजे
हे दुख भंजन मारुति नंधन
सुनलो मेरी पुकार पवन सुत विनती बारंबार
पवन सुत विनती बारंबार
हे दुख भंजन मारुति नंधन
हे दुख भंजन मारुति नंधन
सुनलो
मेरी पुकार पवन सुत विनती बारंबार
पवन सुत विनती बारंबार
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