विन्नते में सौंबार करता हूँ
तुम राज हो
छिपे से रहते हो
कुछ खास हो
इस दिल में रहते हो
तिरा नाम में
सासों में रखता हूँ
तिरा चहरा में
आखों से पढ़ता हूँ
फिर कहने से क्यों डरता हूँ
के मैं तुम से प्यार करता हूँ
विन्नते सौंबार करता हूँ
ओ मेरा यार, रब वरगाँ
ओ मेरा यार
ओ मिरा यार, रब वरगाँ
ओ मेरा यार
ओ मेरा यार, रब वरगाँ
ओ मेरा यार
ओ मेरा यार, रब वरगाँ
ओ मेरा यार
इन लमवों को रब की दुआई
रब का पेगाम मैं सोचू
इन आसों को तेरी चुनल से
धीमे, धीमे मैं पोचू
हर वासता तुझी मैं दिखता है
हर रासता तुझी से गुज़रा है
मेरे दर्या के तुम किनारे हो
तनहाई के तुम सहारे हो
फिर कहने से क्यों डरता हूँ
के मैं तुम से प्यार करता हूँ
मैं तेरे सौंबार करता हूँ
ओ मेरा यार रब वरगा ओ मेरा यार
प्यार