राम जलोगे बेठके सबकी मुझ्राले
चेसी जाकी चाकी रे
चेसो जाकुदे
कोई धन दुखी, कोई मन दुखी
कोई धन बिन रेती उदा
थोड़े थोड़े सब दुखी
दुखी राम के दा
इंसान का जीवन कैसा है
आस्मान मैंसे एक भून्द धर्ति मापे पड़ती है
और वो मिट्टी में मिट्टी मिल जाती है
इसी पकार इंसान का जीवन है
तिरा जीवन है पानी की बून तब मिट जाए रे
होनी अन्होनी जान तब गट जाए रे
तिरा जीवन है पानी की बून तब मिट जाए रे
चंद्र किलो का जीवन है इसमें पगले सुप कब है
जनम सभी को मिलता है लेकिन म्रेतुस गाफिल है
होनी अन्होनी जान कब गट जाए रे
तिरा जीवन है पानी की बून तब मिट जाए रे
जिसको माला है अपना क्या है तेरा वो जबना
जिसके लिए माया जोड़ी क्या गए तेरा वो अपना
तेरा गी बेटा तुझ में आगी लगाए रे
तिरा जीवन है पानी की बून तब मिट जाए रे
जिसके लिए माया जोड़ी की बून तब मिट जाए रे
सिरी टैस्ट के चरणों में जीवन अपना अरपण कर
ताग लगे ना जीवन में तु इनको समरपण कर
तब ती दूपेरी कब सावन बन जाए रे
तिरा जीवन है पानी की बून तब मिट जाए रे
होनी अनगोनी जान कब गट जाए रे
तिरा जीवन है पानी की बून कब मिट जाए रे
पानी की बून कब मिट जाए रे