ने लालका इमाम साब।
लाया देरा विच पंजाब।
मेरी सोने देहक बाग।
पर विच पंजाब।
पर विच पंजाब।
मेला लगा साबर पीर। सोना मुर्षद बाजमीर। देवे पंज बदलें सक्दीर।
साबर किलियर विच ववरोण कलायाने। पूरी दुनिया विच ओसिया मेले आयाने।
मेला लगा विच अजनेर। तुम पियां चार चुफेर। तौया चानन विच हनेर।
पिर मोही ओधीन किता कर्म कमायाए। नवेलक काफरानू सोना कलमा पढ़ायाए।
पूरी दुनिया विच
ओसिया मेले आयाने।
पूरी
दुनिया विच ओसिया मेले आयाने।
पूरी दुनिया विच ओसिया मेले आयाने।
पूरी दुनिया विच ओसिया मेले आयाने।
पूरी दुनिया विच ओसिया मेले आयाने।
मिलाल का कलंदर लाल।
जीवे सुना सखीला जपाल।
वज्जे नौबत पवेत माल।
कलंदर दा सुना हसन हुसेनी ये। रोज कयामत ताई रोनत लगी रैनी ये।
पूरी दुनिया विच ओसिया मेले आयाने।
मिलाल लगाएं शाकोट। सुना कटे दिलां दे खोट। मैं कुमां डंके दी चोट। फिर
मेरा सोना नौ लक्ख हजारी ये। सोनें जिन्द अपनी मैं तेरे कदमां तोवारी ये।
पूरी
दुनिया विच
ओसिया मेले आयाने।
मिलाल लगाएं शाकोट। मिलाल लगाएं शाकोट।
दिलावर चोदरी जाना जरूर। भुलेने मनाया मुर्षद पेरी
कुंगरू पायेने। बशीर बुड़े फिंडियेने सोने बोल लिखायेने।
पूरी दुनिया विच
ओसिया
मेले आयाने।
किसमता बदल गिया जाद यखा जाया सोने ने।
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