मैंने जभी पुकारा करम कर दियामैंने जभी पुकारा करम कर दियादूर आका ने हर एक गं कर दियातुम चले सुए तैबा हमें छोड करक्या किया तुमने आखों को नम कर दियारश्क क्यों ना करे अपनी तकदीर परहमको अपने घुलामों में जम कर दियाक्या बताओ तुमें उनकी खेरात नेघर का घर मेरे बागे इरम कर दियादेख इश्रत तुझे गर्मिये नात नेआज आशित शाय उमम कर दियामेने जबी पुकारा करम कर दिया