आये प्रेमी सजनों एक रागरी आपके बीच में पोजीश शाम सिंग के किसे से
बात उस समय की जब पोजीश शाम सिंग घायल होता है
तो अपनी मूँ बोली बहन महेंदर कोड से कहता है
कि बहन अब मैं नहीं बचने वाला तो मेरा एक काम कर देना
जो मेरी लहास है उसे मेरे गाँ शेदपुर बुलंसर यूपी में पहुंचा देना
प्रेमी सजनों जब पोजीश शाम सिंग की लहास उसके गाँ शेदपुर में आती है
तो उसकी जो घरवाली है जिसके फेरे शाम सिंग की पटका और कटार से हुए थे
वो कैसे अपनी पियाजी की लहास ते रूधन मचाती है
कैसे दहाड मार के रोती है
क्या लिखा है आईगा कभीने कैसे
क्या लिख दिया रागनी आपकी विश में
देहाती रागनी एंडिजे के मादं से
जिसको गा रही है
मन्नु तवर जुञ्जुनु खेतरी से
सुनिगा क्या लिखा है कभीन
एर दहाड मार गीर
मैं विदवा होके आज सासिर आई
मैं विदवा होके आज सासिर आई
मैं विदवा होके आज सासिर आई
एर दहाड मार गीर
मैं विदवा होके आज सासिर आई
मैं विदवा होके आज सासिर आई
एर दहाड मार गीर
मैं विदवा होके आज सासिर आई
विदवा होके आज सासिर आई
विदवा होके आज सासिर आई
मैं विदवा होके आज सासिर आई
विदवा होके आज सासिर आई
मैं विदवा होके आज सासिर आई
विदवा होके आज सासिर आई
थी पुरी रे गड़ी जब हुई थी ब्याँ
मैं विदवा होके आज सासिर आई
आज सासिर आई
मेरे बियाने शिंगारे तलके ना देख्या
शिंगारे तलके ना देख्या
ब्याली ते करेके प्यारे तलके ना देख्या
मने जिवता भी भरे तारे तलके ना देख्या
हे राम पती की मरे की शकले दिखाई
मैं विदवा होके आज सासिर आई
मैं निर्भागडे किसे धाले टे मैं काटूंगी
त्रिशना जागे किसे तरहे रे जिगरे डाटूंगी
मैं पिनारे पिया क्यूं करे पूरा पाटूंगी
पड़े गोरे मुसीबते फिर कैसे नाटूंगी
बच्चिमन ते ही शरे तै हुई शोरू दे दबाई मैं
विदवा होके आज सासे रे आई
पड़े गोरे मुसीबते फिर कैसे नाटूंगी
पड़े गोरे मुसीबते फिर कैसे नाटूंगी
पड़े गोरे मुसीबते फिर कैसे नाटूंगी
पड़े गोरे मुसीबते फिर कैसे नाटूंगी
मैं विदवा होके आज सासे रे आई
मैं विदवा होके आज सासे रे आई
मैं विदवा होके आज सासे रे आई