हता बुझे मुखडे तो
जुलफां कुँ हटा डोला
इना सिक्र दिया यखिया कुँ दीदार करा डोला
महता बुझे मुखडे तो जुलफां कुँ हटा डोला
आबाद रवे शाला मैं खाना तेडा साकी
आबाद रवे शाला मैं खाना तेडा साकी
मुदत दे प्यासे कुँ
इक जाम पिवा डोला
महता बुझे मुखडे तो जुलफां कुँ हटा डोला
नाराज बदें दिल बर केड़ी गलती डसा छोड़ो
गल मन के रखी बादी
ना दे तु सदा डोला
महता बुझे मुखडे तो जुलफां कुँ हटा डोला
क्यूं मैं कुसते दाहे
क्यूं मैं कुरुले दाहे
आधा हे न जम तैकूँ
ना कर तुझा फाड़ो ला
महता बुझे मुखडे तो जुलफां कुँ हटा डोला
महता बुझे मुखडे तो जुलफां कुँ हटा डोला
इना सिक दिया यखिया कुँ दीदार करा डोला
महता बुझे मुखडे तो जुलफां कुँ हटा डोला