जैहोदूर बट्डानी मैं यार नगरी नाया बड़ुकनिया नाराह सपरीजुठो नाजी दिकोरो संग्धे चलेला, होझे संग्धे चलेलाजुठो नाजी दिकोरो संग्धे चलेला, होझे संग्धे चलेलाकल सरच राज़ा गुगलापेनिहरा रूपि ना पुजा नापनेपुछिला पन्नी जिसे भाईया हो इना कन्या के पुजाना पौलेलाजै जै माजै जै मागवे में दर्सन कला माई महरानी केमाधा पे टेंसन दानीले हव ना जानी केसाम्हे तुहारे हमचुनारी चढाई बहोदेदी मयाजी के दिलो से मानाई बहोचड़े में सिहिरी थकाई धलेला, भो तकाई धलेलाचड़े में सिहिरी थकाई धलेला, भो तकाई धलेलाकला सरच राजागु गलापे, निहरारू बिना पूजा न भालेलागुछिला भन्ने जिसे भाईया हो, बिना पणियागे पूजा न भालेलापडु सुक्वार बत महनोई पिछा,भिद बड़ी होला मही मही हर दुआरिन भ्हाना जन्नियचो राजाजाहि जरनज हरभखुस होिये, भावालियातहरा से विगरम रिक्वेस्ट करेला,छोटु राभ तोहरेसे रिक्वेस्ट करेला,रिक्वेस्ट करेला,पाला सराच राजागु गलापे निहरारू बिना पूजा ना भालेलापूछिला पन्ने जिसे भाईया हो बिना कन्या के पूजा ना भालेला