जैहो
दूर बट्डानी मैं यार नगरी नाया बड़ुकनिया नाराह सपरी
जुठो नाजी दिकोरो संग्धे चलेला, होझे संग्धे चलेला
जुठो नाजी दिकोरो संग्धे चलेला, होझे संग्धे चलेला
कल सरच राज़ा गुगलापे
निहरा रूपि ना पुजा नापने
पुछिला पन्नी जिसे भाईया हो इना कन्या के पुजाना पौलेला
जै जै मा
जै जै मा
गवे में दर्सन कला माई महरानी के
माधा पे टेंसन दानीले हव ना जानी के
साम्हे तुहारे हमचुनारी चढाई बहो
देदी मयाजी के दिलो से मानाई बहो
चड़े में सिहिरी थकाई धलेला, भो तकाई धलेला
चड़े में सिहिरी थकाई धलेला, भो तकाई धलेला
कला सरच राजागु गलापे, निहरारू बिना पूजा न भालेला
गुछिला भन्ने जिसे भाईया हो, बिना पणियागे पूजा न भालेला
पडु सुक्वार बत महनोई पिछा,
भिद बड़ी होला मही मही हर दुआरि
न भ्हाना जन्नियचो राजाजाहि जरनज हरभखुस होिये, भावालिया
तहरा से विगरम रिक्वेस्ट करेला,
छोटु राभ तोहरेसे रिक्वेस्ट करेला,
रिक्वेस्ट करेला,
पाला सराच राजागु गलापे निहरारू बिना पूजा ना भालेला
पूछिला पन्ने जिसे भाईया हो बिना कन्या के पूजा ना भालेला