निहारे के सुख राजको बुला है आगे ले
बाटे सोला है बरिस के जवानिया राजा बानी हो मुनाया नहर कानिया
जाता रोखमा ए यतिया शुरीय के दिन
निहारे के सुख राजको बुला है नहीं मिली
निहारे के सुख राजको बुला है नहीं मिली
जुठे बुलते हूँ सच कहे दोना सवतिनिये से फ़से हो बता दोना
मड़के लोला हम तुहरों कुछ देन भीरिया वो न छुए के कुछ देन
जाते लगाएं राजा के बारी में के लिए
निहारे के सुख राजको बुला है नहीं मिली
निहारे के सुख राजको बुला है नहीं मिली
जहर गुलते हो मेरी जिन्दगी में भीर मरते हो तुम सरमिन्दगी में
भीर मरते हो तुम सरमिन्दगी में
बानी तुहरा से हम ये नाराज पिया काही लागे ना तुहरा के लाज पिया
भाँत ये अकिपालाओ प्रितम कही से केही
में होरी के सोख राजा को बोना ही मिले