चथाज़ जाई
पापा
चथाज़ जाई
पापा
बाड़ा पाचावा तुफेल तोह के पास जाई
मोहो बादराईसन बाटे तोह के खास जाई
का हो तोहरो के में हरी जकास जाई
खाला रोज खुद मान से उपवास जाई
बाड़ा काई सन्तों खुद एहसास जाई
बड़ा कर्याथ खोजी लंगोर की हो जोन खोके कमर
की पतर की हो तर भाव न दले भी आजले लेकी
एबापू
सबर की हो
अरे भाग बुर्बाग
हमाग बुर्बाग
सबर की हो
सबका से बाते नौलेज तोहरा काम
खुद छूर छूर बाड़ा चाही तोहरा बाम
काहे देखेल सबना दूद नवा में
जाके मुह देखा इन वामें
एको मिलत नेखे औरी पचास चाही
अक शर्वानी अदले की आसपास चाही
हवाई मैं होके मैं हरी जाकास चाही
तरह मान से तर लालश न भागत पड़ा पूरा दिल से तहर तस्वागत
पड़ा और उपर से दहीज के डिमान कर तारा अरे भाग मारते
सरम लागत पड़ा
मुह धोवन के बढ़िया सामुन मो दीदी छे न आवे तू गुलब जामुन हो
अरे जाएगी
पागल