प्रेमी भर्जनों
एक बाला जी महाराज की भवितनी जो अपने पती की कारणामों से बहुती दुकी थी
वो अनसे कहती है कि स्वामी आज मेरे कहने से आप बाला जी धाम चली
मुझे आसा है कि आपके सभी रोग दूर हो जाएंगे
आपके सभी बुरी आर्थे चूड़ जाएंगी
और वो स्केहने से महन्दपूर धाम में जाता है
और बाला जी महाराज की ऐसी कर्पया होती है
कि वाके ही उसके पती की सारी बुराय्याँ छूड जाती हैं
वो खुशी कुशी से पने काउं आती हैं
पने सक्यों के, पने सहेलियों में
कैसे भाग भाग हनुमान की बढ़ायी करती हैं
इस बजण की माढ़ाम से रखता हूं
सुनीएं, कैसे
हे महन्दीपूर मैं जाके मेरा
बढर तार बदल गया है
बालाजी के दरपे मेरा जनम सुधर गया है
महन्दीपूर मैं जाके मेरा बढर तार बढल गया है
महन्दीपूर मैं
जाके मेरा बढर तार बढल गया है
बालाजी के दरपे मेरा जनम सुधर गया है
हे दारू पी के गळियों गलियों गाल बखे था वो तो हे
मेरी गेल्यां साम सवेर राण करे था वो तो हे
बालाजी के दरपे मेरा जनम सुधर गया है
मैं निमट गया है महन्दीपूर मैं जाके मेरा बढर तार बढल गया है
बालाजी के दरपे मैरा जनम सुधर गया है
बालक मेरे तरस गए थे दाने दाने न
भाग
शवर गहाए
आलाँगी के दर्थ है मेरा जनम सुथर जाओ
में मैंदींपूर में जाके, मेरांबर तारे भगल जाओ
बाला जी ने बस मोज ही मोज कर दी कैसी
नेनदीपूर जाके मनने दर्खा से लगाई थी
बाला जी से अपने दिल की बात सुनाई थी
येननेदीपूर जाके मनने दर्खा से लगाई थी
میرے بل ماں پے میرے بابا کہا
میرے بل ماں پے میرے بابا کہا
یوں تے جادو چل گیا ہے
بالا ژی کے در پے میرا جنم سدھر گیا ہے
مینگی پور میں جا کے میرا بھر تار بدل گیا ہے
جہو پتہ مہراج کی
پھرو ستندر سانے تیرا میں بھول نہ پاؤں گی
تو گراں کھیڑی دام پہ آں کے ناچوں گی گاؤں گی
راج مہر کھالے کی تو بے بے یوں جادو تر گیا ہے
مینگی پور میں جا کے میرا بھر تار بدل گیا ہے