गोगाजी महराज की जै
बताता है अपने यादो दोस्तो को
कि आज बाबा के दरबार में
कितना समाज आया वहाँ है
कहा कहा से
कितनी जंत आई हुई है
और किस तरह से
बाबा के भक्तों की प्रशंस hai करता हुआ
क्या कहने लगा
इस प्रधन को सुनेंगे
एंडीजे कंपटी के माध्यम से जिसको गाया है
हाई गृजे सोहरका ने इस तरह सोहरका
मैडी पे जुड़रा सर्व समाज है
बैठे यहां कोकाजी महराज है
मैडी पे जुड़रा सर्व समाज है
बैठे यहां कोकाजी महराज है
मैडी पे जुड़रा सर्व समाज है
बैठे यहां कोकाजी महराज है
जाहर की भगती करके देखो जी
चरनों में मस्तकी जरांटे कोजी
जाहर की भगती करके देखो जी
चरनों में मस्तकी जरांटे कोजी
सर्दे भगतों के यहां काज है
जाहर की भगती करके देखो जी
बैठे यहाँ गोगाजी महराज है
मेड़ी पे जुड़ रहा सर्व समाज है
बैठे यहाँ गोगाजी महराज है
बैठे यहाँ गोगाजी महराज है
कर्मों पे कहते यहाँ पे बठते है
सर्प के काटे का इलाज है
बैठे यहाँ गोगाजी महराज है
मेड़ी पे जुड़ रहा सर्व समाज है
बैठे यहाँ गोगाजी महराज है
बैठे यहाँ गोगाजी महराज है
हिंदू इसाई भी पूजा करते हैं
मुस्लिम सिक चर्नों में सर धरते हैं
हिंदू इसाई भी पूजा करते हैं
मुस्लिम सिक चर्नों में सर धरते हैं
ऐसा आनुखा यहां रिवाद है
बैठे यहां गोगादी महराद है
मैडी पे जुड़ रहा सर्व समाज है बैठे यहां को गाजी महराज है
मैडी पे जुड़ रहा सर्व समाज है बैठे यहां को गाजी महराज है
तीनों लोकों का सुर पेताद है बैठे यहाँ गोगादी महराद है
मैंडी पैच उड़रा सर्व समाद है बैठे यहाँ गोगादी महराद है
पैच उड़रा सर्व समाद है बैठे यहाँ गोगादी महराद है