पाप कमाई सुख ना देवे कितनी करलो बेईमानी
माया साथ नहीं जानी पाप कमाई सुख ना देवे कितनी करलो बेईमानी
माया साथ नहीं जानी पाप कमाई
माया साथ नहीं जानी पाप कमाई
धरा धराया क्यों बने रातु अभिमानी माया साथ नहीं जानी पाप कमाई
किसको अपना मान रहा ये पिता पूत्र बंधू नारी
पिता पूत्र बंधू नारी
जूटे भवर तु जान में फसरा ये नाते हैं संसारी
एक दिन भर जाहन से उडारी फिर जादा सब पे पाणी
माया
साथ नहीं जानी पाप कमाई
रात दिना बन बेल कमा चाहे खोथी
तक भी तू भर ले
ओगेल तेरे मैं कोण्या जावे कपट चाहे कितना कर ले
जब जावेगा पार तू पर ले
जब जावेगा पार तू पर ले क्या कहवेगा अग्यानी
माया साथ नहीं जाडी पाप कमाई
ओ बाजबदी से आजा अब तो मन मू रखने समझा ले
मन मू रखने समझा ले
हरी चरण में धिहान लगा के सुरती भगती मैं ला ले
नरेशंद कौसिक गुन तू काले समय हाथ फिर ना आनी
माया साथ नहीं जानी पाप कमाई सुख ना देवै
कितनी कर ले बेमानी माया साथ नहीं जानी
माया साथ नहीं जानी
माया साथ नहीं जानी