भूँया के गुलेवा में बूद रोहिले,
गाजा पीके स्वमीरो मसुद रोहिले
चली जाये भुछोड के परो, नोरी हर के सुखले
बरो सेवो दोरिया बोरी, महलो बनाईना तो,
माती के छीलों बराउरो उच दे
बरो सेवो दोरिया बोरी,
महलो बनाईना तो,
माती के छीलों बराउरो उच दे
बाहर न जाला गहरावे में आवे ओ रावान के पाईजे
बाहर न जाला गहरावे में आवे ओ रावान के पाईजे
बाहर न जाला गहरावे में आवे ओ रावान के पाईजे
भरोत पहार के माजा लेल,
भुदभभजी होत हम राके
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