माधे पे बिंदिया चंके, पालों में गजरा महके
माधे पे बिंदिया चंके, पालों में गजरा महके
दिल में है तीरा इंतिजार
सावन की खेली है बहार, हूं बिया जी
सावन की खेली है बहार
कजरा आखों में लगाया सोला शिंगार सजाया
चुन्दी तीरे नाम की ओडी तिरे भी तू क्यों नहीं आया
कजरा आखों में लगाया सोला शिंगार सजाया
चुन्दी तीरे नाम की ओडी तिरे भी तू क्यों नहीं आया
बारिश की बूंदे मैं के मिली को आसबन के
देखती हो रह बार बार
सावन की खेली है बहार
ओ पियाँ जी सावन की खेली है बहार
बैरन अब रैन होई है तुम बिन अब कुछ ना भाई
YouTube सदस्याई नंत विश्वसात
कुछ ना थोड़ा तो
सकनीं लिया छोड़ी हो गई हैं पल के
सावन की खेली है बहार姐 ओ पियां
सावन की खेली है बहार ओ पियां
माधे पे बिंदिया चमके बालों में गजरा महके
दिल में है तीरा इंतजार
सावन की खेली है बहार
हो पिया जी सावन की खेली है बहार
करते हैं