मंदिर की घंटियों सेावाज आरही है
जो ध्यापुरी में आना सब को बुदा रही है
भगतों की आसता को भगतों की आसता को फिर से जगा गए हैं
मर्यादा पुर्शोतं छोरिराम आ गए हैं
वर्यादा पुर्शोतं किरीराम आ गए हैं
वर्यादा पुर्शोतं किरीराम आ गए हैं
भरती हुई मगन हैं तारोंने गीत गाए
शंकर के शीश शोभित चंदा भी मुस्पुराए
शिरी राम जी की लीला
हरे कोई गा रहे हैं वर्यादा पुर्शोतं किरीराम आ गए हैं
वर्यादा पुर्शोतं किरीराम आ गए हैं
सियराम राम जैसीराम
अरशो उलास में सब उई पूलों की है वर्षा
मनी फिर सहे दिवाली उई राम जी की क्रेपा
बजे धोली और मजीरे पक्षी भी गा रहे हैं
मर्यादा पुरशोतम चिरिराम आ गए हैं
मर्यादा पुरशोतम चिरिराम आ गए हैं
शिरीराम कृष्ण नरेज़ सिंग विष्णू यही नरायण मौका न छूत जाये
आजाओ करलो दर्शन हम सबका है सवाग्य हम सबका है सवाग्य ये देख पा रहे हैं
मर्यादा पुरशोतं चिरिगाम आ गए हैं
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